प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की सीख दे रहा देवीधाम
शक्तिपीठ देवीपाटन में पालीथिन पर है पूरी तरह प्रतिबंध कचरे के निस्तारण को बदलनी होगी आदत
बलरामपुर (अमित श्रीवास्तव):
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पालीथिन से मुक्त करने के लिए अभियान चला रखा है। कचरे की आजादी के लिए पीएम की अपील यहां रंग ला रही है। शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में पालीथिन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। नगर पंचायत तुलसीपुर भी प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। दुकानों के सामने डस्टबिन रखवाकर शहर को स्वच्छ बनाने का फरमान जारी किया गया है। सफाईकर्मी भी सीटी बजाकर घर-घर जाकर कचरा एकत्र कर रहे हैं। जिन्हें निर्धारित स्थानों पर डंप किया जा रहा है। हालांकि आमजन की सहभागिता अपेक्षाकृत न होने से कचरे से आजादी पूरी तरह नहीं मिल पा रही है। शक्तिपीठ में पालीथिन प्रतिबंधित :
-एक जुलाई से सिगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी है। यहां पहले से ही सख्ती है। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु हों या विदेशी पर्यटक, शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में दर्शन के साथ वे एक बदलाव देखकर चौंक जाते हैं। पूरे मंदिर परिसर में उन्हें पालीथिन नजर नहीं आती। पालीथिन प्रतिबंध को लेकर कई जगहों पर कवायद तो हुई, लेकिन वह इतनी कारगर नहीं हुई जितना कि इस मंदिर में। 51 शक्तिपीठों में शुमार देवीपाटन में श्रद्धालु पर्यावरण संरक्षण की अनूठी सीख लेकर लौटते हैं। इस प्रतिबंध को वृहद रूप देते हुए मंदिर व्यवस्थापक महंत मिथिलेश नाथ योगी ने न सिर्फ मंदिर परिसर को पालीथिन मुक्त बनाने की पहल की है, बल्कि इसका उपयोग करते मिलने पर सजा का भी प्रावधान किया है।
ऐसे करें कचरे का निस्तारण :
-नगर पंचायत तुलसीपुर के अधिशासी अधिकारी डा. संपूर्णानंद तिवारी का कहना है कि कचरे से आजादी के लिए हर व्यक्ति को जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी को शुरुआत अपने घर व आस-पड़ोस से करनी होगी। घरों से निकलने वाले कचरे को इधर-उधर फेंकने के बजाय डस्टबिन में डालने की आदत बनानी चाहिए। यदि सूखा व गीला कचरा अलग-अलग डस्टबिन में डालें, तो बेहतर है। नगर पंचायत के वाहन शहर में घर-घर कूड़ा एकत्र करते हैं। इसलिए कचरे को घर के बाहर न फेंकें। दुकानदारों को भी अपनी दुकानों के सामने डस्टबिन रखकर कचरा उसी में एकत्र करना चाहिए। यही नहीं, नगर पंचायत के सफाईकर्मियों को कचरा निर्धारित स्थलों पर डंप करने की जिम्मेदारी दी गई है। यदि सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें, तो निश्चित रूप से एक स्वच्छ व सुंदर शहर की परिकल्पना साकार हो सकती है।