कायाकल्प की दरकार, प्रधान के सामने अफसर लाचार
ह्रश्चद्गह्मड्डह्लद्बश्रठ्ठ यड्ड4ड्डद्मड्डद्यश्च ह्रश्चद्गह्मड्डह्लद्बश्रठ्ठ यड्ड4ड्डद्मड्डद्यश्च ह्रश्चद्गह्मड्डह्लद्बश्रठ्ठ यड्ड4ड्डद्मड्डद्यश्च
बलरामपुर : ऑपरेशन कायाकल्प अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों की सूरत बदलने में जिम्मेदार अफसर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी कृतिका ज्योत्सना ने स्कूलों का कायाकल्प न होने पर बीएसए व सभी बीईओ का वेतन दो बार रोका, लेकिन काम में तेजी नहीं आ सकी। 14वें एवं राज्य वित्त में भरपूर बजट होने के बाद भी प्रधान स्कूलों की सूरत बदलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। तुलसीपुर शिक्षा क्षेत्र के करीब 25 स्कूल आज भी बदहाल हैं, लेकिन अफसर धरातल पर उतरना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव में इन्हीं स्कूलों को बूथ बनाया जाएगा। बावजूद इसके अफसर संजीदा नहीं हैं।
इन स्कूलों की नहीं बदली सूरत :
-शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय जद्दापुर का भवन बदहाल है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय चोरघटिया, प्रावि मतईडीह, प्रावि छतुआपुर, प्रावि जनकपुर, दुंदरा, बदलपुर व हिसामपुर का अब तक कायाकल्प नहीं कराया गया है। इनमें से अधिकांश विद्यालयों का शौचालय क्षतिग्रस्त है। बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। जबकि लोकसभा चुनाव के लिए इन्हीं विद्यालयों में बूथ बनाया जाएगा। ग्रामीण अमित कुमार, महावीर, नियाज अहमद, सलाहुद्दीन व अब्दुल अजीज ने बताया कि कई बार जिले के आला अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन प्रधानों की मनमानी के आगे अफसर बेबस नजर आ रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार:
-अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों का सुंदरीकरण कराने का निर्देश दिया गया था। चुनाव के पहले स्कूलों में कमियों को दूर नहीं किया गया, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।