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कुपोषण दूर करने की जंग लड़ रहा महकमा

बलरामपुर: 1975 में हरिजन एवं समाज कल्याण विभाग के रूप में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 12:00 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 12:00 AM (IST)
कुपोषण दूर करने की जंग लड़ रहा महकमा
कुपोषण दूर करने की जंग लड़ रहा महकमा

बलरामपुर:

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1975 में हरिजन एवं समाज कल्याण विभाग के रूप में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, किशोरियों व शिशुओं को कुपोषण के चंगुल से बचाने के लिए विभाग ने कार्य शुरू किया। विभाग का उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से चिन्हित बच्चों को पोषाहार देकर स्वस्थ्य बनाना है। जिससे शिशु, मां व किशोरी बालिकाएं सुरक्षित रहें। आमजन को अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 'दैनिक जागरण' के 'एक दिन एक विभाग' के तहत बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग पर आधारित रिपोर्ट---

विकास भवन के द्वितीय तल पर कमरा नंबर 101 व 108 में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का कार्यालय है। दोनों कमरे आमने-सामने हैं। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्येंद्र ¨सह के कक्ष में ही वरिष्ठ सहायक मोहम्मद कामिल व कंप्यूटर ऑपरेटर अमेश सोनी बैठते हैं। सामने वाले कक्ष में प्रशासनिक अधिकारी रामदेव दूबे व वरिष्ठ सहायक शिवचरन शर्मा का पटल है। विभाग में पद के सापेक्ष कर्मचारियों की तैनाती नहीं है। 23 लिपिक के सापेक्ष सिर्फ पांच की तैनाती है। जिले में 1882 आंगनबाड़ी केंद्र है। इसके सापेक्ष 1567 कार्यकर्ताओं की तैनाती है। 315 कार्यकर्ताओं की कमी है। सुपरवाइजर के 76 पदों के सापेक्ष 26 हैं। दस सीडीपीओ के स्थान पर चार हैं। मैनपावर की कमी से योजनाओं के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जबकि योजनाओं की भरमार है। हॉट कुक्ड व किशोरी शक्ति योजना

बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर गरमा-गरम भोजन देने की यह योजना बजट न मिलने के कारण पिछले वित्तीय वर्ष से बजट न मिलने के कारण बंद है। किशोरी शक्ति योजना के तहत प्रत्येक परियोजना में 60 किशोरियों का चयन कर 30-30 के दो समूह में तीन दिवसीय स्वास्थ्य एवं पोषण पर व्यवहारिक व 60 दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। 600 किशोरियों की सूची निदेशालय भेजी गई है।

पोषाहार वितरण

आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 2,52,452 बच्चों समेत गर्भवती, धात्री महिलाओं व किशोरियों को प्रत्येक माह पोषाहार वितरित किया जाता है। फरवरी से पोषाहार वितरण बंद है। अब इसके स्थान पर लड्डू, मीठी व नमकीन दलिया देने की तैयारी चल रही है। प्रत्येक माह की पांच तारीख को बचपन दिवस में छह माह से ऊपर के बच्चों का अन्नप्राशन व जन्मदिवस मनाया जाएगा। ममता दिवस प्रत्येक 15 तारीख को मनाया जाता है। इसमें गर्भवती एवं धात्री माताओं को स्वास्थ्य व पोषण की शिक्षा दी जाएगी। माह की प्रत्येक तारिख को लाडली दिवस मनाया जाता है। जिसमें किशोरियों की व्यक्तिगत स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा, शादी की उम्र 18 व पहले बच्चे में तीन वर्ष का अंतराल संबंधी जानकारी दी जाती है। कुपोषण मुक्त गांव

जिले के 36 अफसरों ने दो-दो राजस्व गांव गोद लिया है। 72 गांवों में अफसर स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास व खाद्य एवं रसद विभाग की योजनाओं का सत्यापन करते हैं। सभी विभागों का अलग-अलग नंबर है। 100 में 75 अंक जिस गांव को मिलेगा उसको कुपोषण मुक्त कर दिया जाएगा लेकिन, यह अंक तीन माह तक मिलता रहे। शबरी संकल्प अभियान

पांचों विभाग के सहयोग से दिसंबर 2018 तक कुपोषण में दो प्रतिशत की कमी लाना है। शून्य से तीन वर्ष के लाल व पीली श्रेणी के चिन्हित कुपोषित 27969 बच्चों को लाभांवित किया जाना है। कुपोषित बच्चों के परिवार को शौचालय, मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड दिया जाता है। साथ बच्चों के माताओं के बैंक खाता में नगद धनराशि भेजने की तैयारी चल रही है। बच्चों से संबंधित विवरण ऑनलाइन फी¨डग चल रही है। जिम्मेदार के बोल

टीकाकरण दिवस पर अधिक जोर दिया जा रहा है। क्योंकि टीकाकरण से ही कुपोषण की जंग आसानी से जीती जा सकती है। साथ ही अर्ली चाइल्ड केयर एंड एजूकेशन योजना के तहत गांव की महिलाओं को जागरूक किया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्रों को आकर्षक बनाने के लिए 12 सौ रुपये प्रति केंद्र का बजट दिया गया है। जिससे रंग रोगन व स्वच्छता का संदेश देने के लिए चित्र बनाया जाएगा। - सत्येंद्र ¨सह, प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी विभाग से अपेक्षाएं

-पोषाहार वितरण बंद होने पर लड्डू, मीठी व नमकीन दलिया वितरित करने की तैयारी है। वितरण व्यवस्था चुस्त होनी चाहिए।

-कुपोषण मुक्त करने के लिए अफसरों के गोद लिए गांवों में भ्रमण तेज किया जाए। जिससे कुपोषण से मुक्ति जल्द मिले।


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