ओडीएफ गांवों का हाल, शौचालय बदहाल
चित्र परिचय संवादसूत्र महराजगंज तराई (बलरामपुर) भले ही गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए सरकार सख्त हो लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं है।
बलरामपुर : भले ही गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए सरकार सख्त हो, लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं है। तुलसीपुर क्षेत्र के गांवों को कागजों में ओडीएफ दिखाकर प्रधान व सचिव अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जबकि धरातल पर अधूरे बने शौचालय उनके दावों की कलई खोल रहे हैं। अधूरे बने शौचालय का उपयोग ग्रामीण उपले रखने में कर रहे हैं। जबकि जिम्मेदार अफसर धरातल पर उतरने के बजाय कागजों में सब कुछ ठीकठाक होने का दावा कर रहे हैं। कुछ ऐसा है नजारा :
-पूरेबक्श गांव में अधिकांश शौचालय अधूरे हैं। गांव में गड्ढे खोद दिए गए, लेकिन सीट नहीं लगाई गई। कई लोगों के शौचालय की छत भी नहीं डाली गई। जबकि दीवार उठा कर उस पर इज्जतघर लिखवाकर खानापूर्ति कर दी गई। इसी तरह सिगाही, जहानडीह, बदलपुर, परसिया कला, कौहड़ौरा गांव में बदहाल शौचालय जिम्मेदार अधिकारियों को आईना दिखा रहे हैं। नियाज अहमद, विजयपाल, नाथूराम, कबीर व सुखदेव का कहना है कि कई माह से शौचालय का निर्माण अधूरा है। गड्ढा नहीं बनवाया गया है। प्रधान बजट न होने की बात कहते हैं। सूरज लाल, महावीर, अब्दुल व अजीज ने बताया कि तीन माह पूर्व शौचालय की दीवार उठाई गई थी। अब तक गड्ढा नहीं भरा गया। घर के सामने खोदे गए गड्ढे में छोटे बच्चे व जानवर गिर जाते हैं। दरवाजा भी नहीं लगा है। शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिम्मेदार के बोल :
-खंड विकास अधिकारी तुलसीपुर राजेश कुमार का कहना है कि गांवों में सर्वे कराया जाएगा। शीघ्र ही अधूरे शौचालयों का काम पूरा कराया जाएगा। ताकि गांवों को खुले में शौचमुक्त किया जा सके।