एक दिन 110 गांवों को ओडीएफ करने की चुनौती
बलरामपुर : जिले में एक हजार गांवों को ओडीएफ बनाने में अफसर जुटे हैं। शौचालय निर्माण म
बलरामपुर : जिले में एक हजार गांवों को ओडीएफ बनाने में अफसर जुटे हैं। शौचालय निर्माण में लापरवाही करने वाले ग्राम प्रधानों को नोटिस जारी की गई है। ग्राम पंचायत व ग्राम विकास अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। 31 अक्टूबर तक सभी गांवों को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य है। अब एक दिन का समय है। 110 गांवों में शौचालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। शौचालय का लक्ष्य पाने के लिए सभी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव व अन्य अफसर लगे हैं। गांवों को खुले में शौचमुक्त करने लिए दो लाख 26 हजार 081 शौचालय निर्माण होना था। अफसर दावा कर रहे हैं कि 60 प्रतिशत शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है। ग्रामीण रख रहे लकड़ी :
- हरैया सतघरवा ब्लॉक के गनवरिया गांव में बने शौचालयों में ग्रामीण लकड़ी रख रहे हैं। ग्राम पंचायत में 141 शौचालय का निर्माण कराया गया था। गांव की फूला, श्यामकली, बड़का, छोटका ने बताया कि शौचालय निर्माण में मानक की अनदेखी की गई है। जिससे दो माह में ही शौचालय क्षतिग्रस्त हो गए। बीडीओ राजेश कुमार ने बताया कि गांव का शीघ्र निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। मंडलीय टीम ने 176 गांवों को किया फेल
- 26 अक्टूबर तक जिले के एक हजार गांवों में से 890 को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। मंडलीय टीम टीम ने 217 गांवों का सत्यापन किया । जिसमें से 176 गांवों को ओडीएफ की सूची से खारिज कर दिया। टीम ने सिर्फ 41 गांवों को पास किया। ओडीएफ घोषित गांवों का जिला स्तरीय टीम द्वारा सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद मंडलीय टीम सत्यापन करेगी।
जिम्मेदार के बोल :
- डीपीआरओ नरेश चंद ने बताया कि 60 प्रतिशत शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया गया है। 31 अक्टूबर तक सभी गांवों का ओडीएफ करने का कार्य तेजी से चल रहा है। शौचालय निर्माण पूरा होने के बाद उसके सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही जिला ओडीएफ घोषित किया जाएगा।