ट्रायल न होने से दगा दे सकते हैं कंसंट्रेटर व वेंटिलेटर
दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए
बलरामपुर : दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए खूब कवायद हुई थी, लेकिन वक्त के साथ बढ़ी लापरवाही ने वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर समेत अन्य चिकित्सीय संसाधनों की गुणवत्ता प्रभावित कर रही है।
तुलसीपुर क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुलरिहा हिसामपुर में चार आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए, लेकिन बिजली न होने के कारण इनका अब तक शुभारंभ भी नहीं किया जा सका। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्टोर रूम में रखे हुए हैं। अन्य अस्पतालों में भी कई माह से बिना ट्रायल के आक्सीजन कंसंट्रेटर रखे हैं। तीसरी लहर में इनकी जरूरत पड़ी तो फिर यह धोखा दे सकते हैं। यही नहीं कई क्षेत्रीय अस्पतालों में पहुंचाए नहीं गए हैं। कारण, बाढ़ के चलते कई अस्पतालों का रास्ता ब्लाक व जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। ऐसे में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की सीएचसी व पीएचसी, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आवंटित आक्सीजन कंसंट्रेटर वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुरा में पांच कंसंट्रेटर मौजूद हैं जबकि यहां के 30 आक्सीजन कसंट्रेटर मुख्यालय स्थित स्टोर रूम में रखा है। स्वास्थ्य कर्मी भी चला सकेंगे वेंटिलेटर :
दूसरी लहर में लोगों की जिदगी पर संकट आया तो दान-दाताओं ने पीएम केयर फंड अथवा सीधे जिला अस्पताल को वेंटिलेटर का दान किया, लेकिन वेंटिलेटर का उपयोग नहीं शुरू हो पाया। संयुक्त जिला चिकित्सालय में पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार साकेत मिश्र से दान में मिले एक समेत 18 वेंटिलेटर मौजूद हैं। सप्ताह में एक बार इनके ट्रायल का दावा किया जा रहा है। सीएमओ डा. सुशील कुमार का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज अस्पताल में नहीं आ रहे हैं। इस कारण वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है। फिर भी आपातकालीन में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर संचालन के लिए प्रशिक्षित किया गया है।