दवा का अकाल, एमडीआर मरीजों का हाल बेहाल
बलरामपुर : जिले में क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित मरीजों का दर्द कम होता नहीं दिख रहा है। क्ष
बलरामपुर : जिले में क्षय रोग (टीबी) से पीड़ित मरीजों का दर्द कम होता नहीं दिख रहा है। क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजों को नियमित दवा उपलब्ध कराने के प्रति जिले के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। जिला क्षय रोग अस्पताल में 15 दिनों से गंभीर टीबी रोगी (मल्टी ड्रग रजिस्टेंट-एमडीआर) को लिखाई जाने वाली पायरीडॉक्सिन टेबलेट ही नहीं है। ऐसे में मरीजों की बीमारी बढ़ने की आशंका है। अधिकांश ऐसे मरीज अधूरी खुराक ले रहे हैं। कुछ मरीजों को स्वास्थ्यकर्मी बीकोसूल टेबलेट बाहर से मंगवाकर खिला रहे हैं। इस श्रेणी के क्षय रोगी अति गंभीर होते हैं। जिन्हें विभाग दो वर्ष निश्शुल्क दवा देता है। उन्हें अस्पताल आने पर 600 व पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी मिलती है, लेकिन दवा न मिलने से इनकी परेशान बढ़ती जा रही है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सजीवन लाल का कहना है कि स्टेट से पायरीडॉक्सिन न मिलने के कारण मरीजों को दवा नहीं मिली है। सप्लाई मिलते दवा उपलब्ध करा दी जाएगी।
एसटीएस ने की पुष्टि :
- एमडीआर रोगियों के साथ रेहराबाजार के एसटीएस महेश त्रिपाठी ने भी पायरीडॉक्सिन टेबलेट न होने की पुष्टि की। बताया कि मरीजों को उसकी जगह बीकोसूल टेबलेट मेडिकल से मंगवाकर खिलाई जा रही है। 150 मरीजों का इलाज प्रभावित :
- एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि जिले में एमडीआर के 150 से अधिक रोगी चिन्हित हैं। जिन्हें 15 दिनों से दवा नहीं मिली है। कुछ दिन पहले एमडीआर मरीजों को स्टेप्टोमाइसिन इंजेक्शन के लिए भी भटकना पड़ा था।