जांच पर जांच फिर भी दोषियों पर नही आंच
दो दो बार जांच दोषी फिर पा गई पदोन्नति भ्रष्टाचार के दोषियों पर नहीं हुई कार्रवाई।
संवादसूत्र, बलरामपुर :
सरकार भले ही सब जगह पारदर्शिता लाने का दावा कर रही है, लेकिन संयुक्त जिला चिकित्सालय में भ्रष्टाचार को दूर करने की कार्रवाई केवल जांचों तक ही सीमित है। जांच पूरी होने के बाद दोषी मिले चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति तो कई बार हुई, लेकिन ऊपर चल रहे मैनेजमेंट के खेल ने दोषियों पर जरा सी आंच नहीं आने दी। यही कारण है कि न मरीजों से धन उगाही बंद हुई और न ही व्यवस्था सुधरी।
भ्रष्टाचार व मरीजों के उत्पीड़न का गढ़ बन चुके संयुक्त जिला चिकित्सालय में भ्रष्टाचारियों की जड़े इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक की सख्ती व राज्य महिला आयोग की सदस्य डा.सुनीता बंसल का निरीक्षण भी बेकार साबित हो रहा है। दोनों जनप्रतिनिधियों के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सुशील कुमार दो-दो बार जांच कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई की संस्तुति भेजते ही मामला मैनेज हो जाता है। हाल ही में डिप्टी सीएम के निर्देश पर सीएमओ ने तीनों सीएमएस के साथ गर्भवती को भगाने के मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में सर्जन डा. अरुण कुमार व स्टाफ नर्स सावित्री जायसवाल के दोषी मिलने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हां मैनेजमेंट का ऐसा खेल हुआ कि सीएमओ की जांच में दो-दो बार वसूली की दोषी रही स्टाफ नर्स सावित्री जायसवाल को पदोन्नति मिल गई।
इतना भ्रष्टाचार कि कई सीएमओ मान चुके हैं हार :
-संयुक्त अस्पताल में भ्रष्टाचार से कई पुराने सीएमओ भी हार मान चुके हैं। पूर्व सीएमओ डा.घनश्याम सिंह ने मरीजों से वसूले पैसे वापस दिलाए थे। साथ ही डा.नितिन चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। पूर्व सीएमओ डा. वीबी सिंह ने भी यहां के भ्रष्टाचार की रिपोर्ट शासन को भेजी थी, लेकिन हर बार ऊपर सब मैनेज हो गया। कार्रवाई ऊपर वालों की जिम्मेदारी: सीएमओ
-मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि गर्भवती भगाने में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निर्देश पर जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। कार्रवाई ऊपर से होनी है।