ले लिया कर्ज, अदायगी का भूले फर्ज
प्रभारी अग्रणी बैंक प्रबधंक रजनीश कुमार ¨सह ने का कहना है कि 60 फीसदी प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण के खाते एनपीए हैं। जिससे बैंक ब्याज भी वसूल नहीं कर पा रहा है।
बलरामपुर : प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का लाभ लेने वाले बैंक की रकम लौटाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। छोटे व मध्यम उद्यमियों को मामूली औपचारिकता पूरी कर बैंक से कर्ज मिलता है। इस योजना के तहत जिले के 9,587 लोगों ने विभिन्न बैंकों से 140 करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है, लेकिन अब लोग इसे जमा करने में गुरेज कर रहे हैं। बैंकों ने साढ़े पांच हजार से अधिक खाता एनपीए कर दिया है। जो 60 प्रतिशत है। बैंक अब इन खाताधारकों पर कार्रवाई की तैयारी में है। नया ऋण देने में भी आनाकानी कर रहा है।
नीति आयोग की प्राथमिकता वाले जिलों में बलरामपुर भी है। इसी लिए यहां बैंकों पर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बिना किसी गारंटी के देने का दबाव है। योजना का लाभ पाने वालों को अपने खाते का नियमित संचालन करने के लिए तीन माह में ब्याज जमा करना अनिवार्य है। जिसका पालन लाभार्थी नहीं कर रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में 140 करोड़ रुपये का कर्ज विभिन्न उद्यमियों को दिया गया है। एक लाख की आबादी पर आठ करोड़ रुपये कर्ज देना है। 172 करोड़ रुपये का कर्ज देने का लक्ष्य है, लेकिन एनपीए खातों की संख्या बढ़ने से बैंक कन्नी काटने लगे हैं। लक्ष्य पूरा करने का प्रयास
- प्रभारी अग्रणी बैंक प्रबधंक रजनीश कुमार ¨सह ने का कहना है कि 60 फीसदी प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण के खाते एनपीए हैं। जिससे बैंक ब्याज भी वसूल नहीं कर पा रहा है। दूसरी तरफ लक्ष्य के सापेक्ष कर्ज देने का भी दबाव है। 172 करोड़ रुपया कर्ज देने का लक्ष्य समय से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। एनपीए खातों की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है।