स्मार्ट क्लास, सीबीएसई पैटर्न, संवर रहा लाडली का जीवन
कहने को तो यह एक सरकारी आवासीय विद्यालय है लेकिन इसकी इमारत दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कभी अभिभावक अपनी बेटियों को यहां भेजने में कन्नी काटते थे लेकिन आज यहां दाखिले के लिए कतारें लगतीं हैं। इसलिए क्योंकि अभिभावकों को भरोसा है कि उनकी लाडली जो यहां सीख लेगी वह कान्वेंट स्कूल में नहीं मिलेगा। शिक्षा के साथ ही विद्यालय स्वच्छता की भी सीख दे रहा है जो किसी नजीर से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं सदर ब्लॉक के सेखुई कला स्थित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय राजकीय आश्रम पद्धित आवासीय बालिका विद्यालय की। जिला समाज कल्याण विभाग से संचालित इस विद्यालय में 39
बलरामपुर :कहने को तो यह एक सरकारी आवासीय विद्यालय है, लेकिन इसकी इमारत दूर से ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कभी अभिभावक अपनी बेटियों को यहां भेजने में कन्नी काटते थे, लेकिन आज यहां दाखिले के लिए कतारें लगतीं हैं। इसलिए क्योंकि अभिभावकों को भरोसा है कि उनकी लाडली जो यहां सीख लेगी, वह कान्वेंट स्कूल में नहीं मिलेगा। शिक्षा के साथ ही विद्यालय स्वच्छता की भी सीख दे रहा है, जो किसी नजीर से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं सदर ब्लॉक के सेखुई कला स्थित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय राजकीय आश्रम पद्धित आवासीय बालिका विद्यालय की। जिला समाज कल्याण विभाग से संचालित इस विद्यालय में 398 किशोरियां निश्शुल्क सीबीएसई पैटर्न से आधुनिक शिक्षा का स्वाद चख रहीं हैं। स्मार्ट क्लास से हो रहा विकास :
-राजकीय आश्रम पद्धति आवासीय बालिका विद्यालय में 2018 में कक्षा पांच से 12 तक की छात्राओं को सीबीएसई पैटर्न से शिक्षा देना शुरू किया गया। विद्यालय में अत्याधुनिक स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है। जहां प्रोजेक्टर व एलईडी के जरिए छात्राओं को तालीम दी जाती है। यही नहीं कंप्यूटर लैब की भव्यता कान्वेंट स्कूलों को भी मात देती है। स्वच्छता का संदेश दे रहे शौचालय :
-विद्यालय परिसर में छात्राओं के लिए 275 शौचालय बनवाए गए हैं। जिनकी नियमित साफ-सफाई व हाथ धुलने के लिए बेसिन की व्यवस्था बेटियों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही है। साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट लगा हुआ है। जिससे बेटियों की सेहत की हिफाजत हो सके। महापुरुषों से रूबरू करा रही लाइब्रेरी :
-विद्यालय परिसर में स्थित लाइब्रेरी में किशोरियों के लिए विभिन्न साहित्यकारों की पांच हजार से अधिक किताबें मौजूद हैं। जो छात्राओं को महापुरुषों की जीवनी, उनके आदर्शों व सफलता के मूलमंत्रों से रूबरू कराती हैं। किताबें पढ़ने में छात्राएं अधिक रुचि लेती हैं। जो इनके बौद्धिक स्तर को विकसित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। बोलीं प्रधानाचार्य :
-प्रधानाचार्या डॉ. आशा मिश्रा का कहना है कि छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं। हमारा ध्येय है कि यहां से पढ़कर निकलने वाली छात्राएं प्रतियोगिता के इस दौर में कहीं भी पीछे न रहने पाएं। मार्च में प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई जाती है। जिसमें दाखिले के लिए होड़ रहती है।