नहरों पर खर्च हुए करोड़ों, मगर नहीं मिला बूंद भर पानी
बलरामपुर : रबी फसलों की बोआई शुरू हो गई है, लेकिन जिले की नहरों में पानी नहीं है।
बलरामपुर : रबी फसलों की बोआई शुरू हो गई है, लेकिन जिले की नहरों में पानी नहीं है। ऐसे में किसानों को गेहूं व दलहनी फसलों की बोआई के लिए परेशान होना पड़ रहा है। नमी न होने के कारण किसान खेतों की जोताई भी नहीं कर पा रहे हैं। राप्ती नहर परियोजना अभी अधूरी है। जिले में अधिकांश नहरें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। नहरों की सिल्ट सफाई व नलकूपों को दुरुस्त करने के नाम पर लाखों का वारा-न्यारा कर दिया गया लेकिन, नहरों में बूंद भर पानी नहीं है। जिले में 371 नलकूप संचालित हैं। जिसमें करीब 20 से अधिक राजकीय नलकूप विद्युत व यांत्रिक दोष के कारण बंद हैं। गैंसड़ी क्षेत्र में चित्तौडगढ जलाशय से पानी छोड़े जाने की मांग की गई, लेकिन पानी नहीं छोड़ा गया। गेहूं, मटर, मसूर व चना की बोआई नहीं हो पा रही है। महराजगंज तराई : किसान शब्बीर शाह का कहना है कि लोगों के खेत को पानी नहर से नहीं मिल पा रहा है। तुलसीपुर : क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा अ¨सचित क्षेत्र में आता है। भगवानपुर बांध से तीन नहर व बघेलखंड बांध से दो नहर निकाली गई है, लेकिन दोनों बांधों में सिल्ट जमा होने के कारण जल संग्रहण की क्षमता कम हो गई है। करीब 20 किलोमीटर लंबी नहर जो भगवानपुर बांध से निकल कर निदौनी गांव तक जाती है। जिसका पानी निदौनी गांव तक नहीं पहुंचा। सादुल्लाहनगर : क्षेत्र में सरयू नहर इटवा रजवाहा लगभग 55 किमी की लंबी नहर अधूरी है।
200 माइनरों में नहीं हैं पानी
चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड के अंतर्गत दस जलाशय आते हैं। इन जलाशयों से 65 नहरें निकाली गई हैं। सरयू नहर खंड तीन के पास उतरौला मुख्य नहर, सोहना शाखा व इटवा शाखा हैं। इनसे 25 व सरयू नहर से 67 माइनर निकली हुई है।
नहरों की सिल्ट सफाई व मरम्मत के निर्देश ¨सचाई विभाग के अभियंताओं को दिए गए हैं। जिससे किसानों की मांग पर समय से पानी मिल सके। नहरों के लिए 1614 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हो चुका है। -अरुण कुमार शुक्ल, एडीएम