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शिक्षण संस्थानों का हब है इमिलिया बनघुसरा

बलरामपुर : विकास खंड का इमिलिया बनघुसरा गांव पूरे तहसील क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने के लि

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 11:41 PM (IST)
शिक्षण संस्थानों का हब है इमिलिया बनघुसरा
शिक्षण संस्थानों का हब है इमिलिया बनघुसरा

बलरामपुर : विकास खंड का इमिलिया बनघुसरा गांव पूरे तहसील क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने के लिए जाना जाता है। प्राथमिक से परास्नातक तक की पढ़ाई के लिए ग्रामीण के युवाओं को भटकना नहीं पड़ता है। करीब पांच हजार छात्र-छात्राएं प्रतिदिन पढ़ने के लिए आते हैं। तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा की भी व्यवस्था है। तहसील मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर मनकापुर मार्ग पर स्थिति है।

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यह है खूबी :

गांव में सांप्रदायिक एकता की मजबूती यहां की सबसे बड़ी विशेषता है। गांव में दुर्गा पूजा, मुहर्रम, गणपति पूजन जैसे त्योहार दोनों समुदाय के लोग मिलजुलकर मनाते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। उपलब्धियां :

गांव में पेयजल के लिए 41 हैंडपंप लगवाए गए हैं। गलियों में सोलर लाइटें लगी हैं। सीसी व खड़ंजा मार्ग है। जलनिकासी के लिए पूरे गांव में पक्की नालियों का निर्माण कराया गया है। 25 को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास मिला है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 101 शौचालयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन पर है नाज

स्वर्गीय श्यामलाल वर्मा 2007 में भाजपा के विधायक चुने गए थे। इनके बेटे राम प्रताप वर्मा वर्तमान में उतरौला से विधायक हैं। सीता श्रीवास्तव ने सचिवालय, गरिमा श्रीवास्तव शिक्षक व बृजलाल यादव लेखपाल बन गांव का मान बढ़ाया। ये हो तो बने बात

गांव में नियमित सफाई कर्मी की तैनाती नहीं है, जिससे गंदगी दिखती है। विद्युतीकरण के बाद लाइनों के अनुरक्षण का कार्य नहीं किया जा रहा है। गांव में खराब हैंडपंपों के मरम्मत की आवश्यकता है। आधारभूत ढांचा

तीन हजार की आबादी वाले ग्राम पंचायत में 15 सौ मतदाता हैं। इमिलिया, बनघुसरा व बेथुइया तीन पुरवा हैं। फसलों की ¨सचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल, पंचायत भवन, तीन प्राथमिक व दो पूर्व माध्यमिक विद्यालय, कांवेंट स्कूल, कन्या इंटर कालेज, डिग्री कालेज, बीटीसी प्रशिक्षण संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित हैं। तीनों गांवों में विद्युतीकरण कराया जा चुका है।

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-सभी पात्रों को योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। परिषदीय स्कूल में निर्धन छात्रों को कांवेंट के टक्कर की शिक्षा दिलाने के लिए पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती है। आशा बहू, एएनएम व आंगनबाड़ी को अपने दायित्वों के प्रति सजग रहने के लिए समय-समय पर उनके साथ बैठक की जाती है।

-शिवाकांत वर्मा, प्रधान प्रतिनिधि

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-गांव में विकास कार्य अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। स्वच्छता के लिए अभी भी ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत है। गांव में पेयजल के लिए पाइपलाइन की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। खडं़जों की जगह सीसी सड़कों की जरूरत है।

-हरीशंकर लाल, ग्रामीण


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