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अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार के नाम पर बसा शिवपुरा

बलरामपुर : विकास खंड मुख्यालय शिवपुरा में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान तहसीलदार शिव शंकर

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 11:45 PM (IST)
अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार के नाम पर बसा शिवपुरा
अंग्रेजी हुकूमत के तहसीलदार के नाम पर बसा शिवपुरा

बलरामपुर : विकास खंड मुख्यालय शिवपुरा में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान तहसीलदार शिव शंकर रहते थे। जिनके नाम पर इस गांव को शिवपुरा ग्राम पंचायत व बाजार के नाम से जाना जाने लगा। ग्राम पंचायत को ब्लॉक मुख्यालय होने का भी गौरव मिला है। यहां से ब्लॉक की 110 ग्राम पंचायतों के विकास की निगरानी की जाती है। यह है खूबी :

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-गांव में सांप्रदायिक एकता की मजबूती यहां की सबसे बड़ी विशेषता है। सभी वर्ग के लोग एक-दूसरे का पर्व मिलकर मनाते हैं। बाजार में रामजानकी मंदिर होने के साथ 111 फीट ऊंचा शिवालय है। आधारभूत ढांचा :

-ग्राम पंचायत शिवपुरा में पांच हजार आबादी के सापेक्ष 2500 मतदाता हैं। इंटर कॉलेज, प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग कार्यालय, डिग्री कॉलेज, बीआरसी केंद्र, बैंक, पशु अस्पताल, एएनएम सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित है। इन पर नाज है :

-मनोज कुमार कसौंधन एसडीओ बिजली विभाग, संतोष कुमार शुक्ल, अरुण कुमार तिवारी, राजेंद्र प्रसाद जायसवाल, केके मिश्र, तरुण तिवारी, केके शुक्ल, अबंरीष पांडेय शिक्षक, स्वामी नाथ पांडेय, सेतुबंधु तिवारी प्रधानाचार्य, रवि गुप्त, उदयनरायन गुप्ता शिक्षक व अंबरीष तिवारी इंजीनियर बन गांव का मान बढ़ाया है। ये हो तो बने बात :

-गांव में दो वर्षों से सफाईकर्मी की तैनाती नहीं है। पेयजल की समस्या दूर करने के लिए ओवरहेड टैंक का निर्माण होने के साथ स्टेट बैंक व एटीएम की आवश्यकता है।

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-ब्लॉक मुख्यालय होने के कारण पानी टंकी निर्माण, राष्ट्रीयकृत बैंक, एटीएम, छात्र-छात्राओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा की सुविधा होना चाहिए। खेतों की ¨सचाई के लिए ट्यूबवेल व गोशाला बनवाने की जरूरत है। -भरतलाल कसौंधन, छात्र -बालिका शिक्षा के लिए ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज व रोजगारपरक शिक्षण केंद्र की आवश्यकता है। ताकि बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए भटकना न पड़े। -कामिनी शुक्ला, छात्रा

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-गांव में विकास कार्य थम गया है। कई पात्र शौचालय व आवास के लिए भटक रहे हैं। जलनिकासी व गंदगी ग्राम पंचायत की पहचान बन चुकी है।

-मुरली प्रसाद गुप्त, पूर्व प्रधान

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-पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। 14 पीएम आवास बन चुके हैं। आवास के लिए 49 लोगों की सूची भेजी गई है। दो अक्टूबर तक 455 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है।

-जुगुल किशोर पाल, प्रधान प्रतिनिधि


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