150 केंद्र संचालकों को नोटिस, आठ से चलेगा अभियान
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बलरामपुर : चिकित्सीय यूनिट से निकलने वाले अस्पताली कचरा (बायो मेडिकल वेस्ट) को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के कड़े रुख पर स्वास्थ्य विभाग ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह ने जिले में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी संचालक व प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले 150 लोगों को नोटिस जारी की है। जिसमें सभी को नए वित्तीय वर्ष में केंद्र संचालित करने के लिए एनजीटी से कूड़ा निस्तारण प्रमाण पत्र लेने का आदेश दिया है। विभाग आठ अप्रैल से अभियान चलाकर इसकी जांच करेगी। एनजीटी ने अस्पताली कचरे का उचित निस्तारण कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया है। साथ ही चिकित्सीय यूनिट पर कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्थ न होने की दशा में केंद्र संचालक पर एक लाख व संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सालय अधिकारी पर एक करोड़ तक का जुर्माना करने की चेतावनी भी दी है। इससे बचने के लिए विभाग ने 12 अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट रखने का अलग-अलग स्टोरेज सेंटर बनवाना शुरू कर दिया। अब निजी केंद्रों पर कार्रवाई की तैयारी है। सीएमओ ने बताया कि निजी केंद्र संचालकों को एनजीटी से मान्य कूड़ा निस्तारण प्रमाण पत्र लेने के लिए छह अप्रैल तक का समय दिया गया है। उप सीएमओ डॉ. कमाल अशरफ के नेतृत्व वाली टीम सोमवार से अभियान चलाकर जांच करेगी। बिना प्रमाण पत्र केंद्र संचालित करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा।