साहब का हो गया ट्रांसफर, अब काहे का डर
स्पोर्ट्स अनुदान का कमीशन डकार गैर जनपद निकल गए बीईओ चेक लेने वाले संकुल शिक्षकों पर गिरेगी गाज।
श्लोक मिश्र, बलरामपुर : जिले के परिषदीय स्कूलों में खेल सामग्री आपूर्ति में जमकर धांधली की गई। अधिकांश शिक्षा क्षेत्रों के खंड शिक्षा अधिकारियों का गैर जनपद तबादला हो गया है। ऐसे में स्पोर्ट्स अनुदान बिना फर्म के नाम का चेक वसूलने वाले संकुल शिक्षकों के गले की फांस बन गया है। हर्रैया सतघरवा के संकुल शिक्षक का आडियो वायरल होने के बाद विभाग में अफरातफरी है। मलाई काटने वाले अधिकारी जांच की जद में आते हैं या नहीं, यह अब विभाग के मुखिया पर निर्भर है। फिलहाल मनमाने ढंग से मानकविहीन खेल सामग्री आपूर्ति करने वाले व्यापारी की बल्ले-बल्ले है।
-स्पोर्ट्स अनुदान के तहत 1161 प्राथमिक स्कूलों में पांच हजार की दर से 58 लाख पांच हजार रुपये विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में फरवरी में भेजे गए थे। इसी तरह 260 उच्च प्राथमिक एवं 390 कंपोजिट में 10-10 हजार रुपये के हिसाब से 65 लाख रुपये भेजे गए हैं। उस समय हर्रैया सतघरवा में बीईओ राजेश कुमार, गैंसड़ी में कुलदीप नारायण सिंह, श्रीदत्तगंज में महेंद्र नाथ त्रिपाठी, सदर में मनीराम वर्मा की तैनाती थी। इसमें सदर व श्रीदत्तगंज के बीईओ का स्थानांतरण विधानसभा चुनाव के बाद मार्च में हो गया। हर्रैया सतघरवा व गैंसड़ी के बीईओ ने कोर्ट से स्टे ले लिया था। इसके बाद दोनों ब्लाकों में बीईओ ने संकुल शिक्षकों को नोडल बनाकर शिक्षकों से बिना फर्म के नाम का चेक लेना शुरू कर दिया। कमीशन की चाह में बीईओ के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर पर स्कूलों में मनमाने ढंग से खेल सामग्री पहुंचाकर चहेते फर्म को खूब लाभ पहुंचाया गया। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों ने चेक पर फर्म के नाम व खेल सामग्री की गुणवत्ता परखनी नहीं समझी। नतीजा, स्पोर्ट्स अनुदान से मोटा कमीशन डकारने के बाद अधिकारियों ने गैर जनपद की राह पकड़ ली। अब जब स्कूल बंद होने वाले हैं, तो वसूली करने वाले संकुल शिक्षक भी अपनी गर्दन बची रहने की उम्मीद जता रहे हैं।
वर्जन
शिक्षकों से लिए गए चेक में किस फर्म का नाम लिखकर वाउचर लगाया गया है, इसकी जांच कराई जाएगी। जिस शिक्षक का आडियो वायरल हुआ है, उनसे भी पूछताछ कर सच्चाई का पता लगाया जाएगा।
डा. रामचंद, बीएसए