महामारी से दो-दो हाथ, दूर से निभा रहे साथ
-मेरा गांव मेरा देश चित्र परिचय दिलीप सिंह बलरामपुर वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लोग खुद जागरूक हो रहे हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित चंदनपुर गांव में दिल्ली व खलीलाबाद से आए लोग खुद गांव के बाहर खेत में पल्ली तानकर क्वारंटाइन हैं। प्रधान व गांव के लोग महामारी को रोकने के लिए दूर से ही इनका साथ निभा रहे हैं।
दिलीप सिंह, बलरामपुर :
वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लोग खुद जागरूक हो रहे हैं। भारत नेपाल सीमा पर स्थित चंदनपुर गांव में दिल्ली व खलीलाबाद से आए लोग खुद गांव के बाहर खेत में पल्ली तानकर क्वारंटाइन हैं। प्रधान व गांव के लोग महामारी को रोकने के लिए दूर से ही इनका साथ निभा रहे हैं। प्रधान व परिवारीजन सुबह शाम भोजन की व्यवस्था करा रहे हैं। नैतिक जिम्मेदारी का निभा रहे फर्ज :
-क्षेत्र के चंदनपुर गांव निवासी सीताराम व अतवारी प्रसाद दिल्ली में पल्लेदारी का काम करते थे। लॉकडाउन में जब काम बंद हो गया, तो मजबूरन गांव लौटना पड़ा। गांव पहुंचने के पहले ही घर वालों को फोन से सूचना दे दी थी कि वह लोग घर पर नहीं आएंगे। परिवार व गांव के प्रति नैतिक जिम्मेदारी के इस अहसास की सभी ग्रामीणों ने सराहना की। प्रधान विनीत राना ने गांव के बाहर खेत में पल्ली तानकर उनके लिए चारपाई की व्यवस्था कराई। जहां सुबह-शाम घर वाले भोजन पहुंचा देते हैं। खेत में दिन बिता रहीं युवतियां :
-चंदनपुर गांव की रहने वाली सावित्री, सोनी, सोमनी, गुड़िया, शिवदुलारी व रमेश खलीलाबाद में मजदूरी का कार्य करते थे। लॉकडाउन के बाद 23 मई को वहां के ठेकेदार ने अपने निजी वाहन से सभी को वापस भेज दिया। जब ये लोग गांव में पहुंचे, तो घर जाने से बेहतर खुद को खेत में क्वारंटाइन करना समझा। इसलिए सभी छह लोगों के घरवालों ने खेत में ही पल्ली लगाकर चारपाई की व्यवस्था कर दी। जहां ये शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने सफर के किस्से साझा कर रहे हैं। रमेश ने बताया कि 14 दिन तक यहीं दिन काटेगा। इसके बाद ही घर जाएगा।