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लौटे अपनों के पास..अब वजूद की तलाश

-मेरा गांव मेरा देश बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार अपने गांवों पहुंच पते का आधार कार्ड व अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने के लिए कर रहे जद्दोजहद

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:46 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:13 AM (IST)
लौटे अपनों के पास..अब वजूद की तलाश
लौटे अपनों के पास..अब वजूद की तलाश

बलरामपुर :

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वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर लॉकडाउन है। मुंबई, गुजरात समेत अन्य शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार अपने गांवों पहुंच रहे हैं। सालों बाद गांव लौटने पर प्रवासी अब यहां अपने वजूद को तलाश रहे हैं। गांव के पते का आधार कार्ड व अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाने के लिए उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ रही है। कुछ ऐसा ही नजारा श्रीदत्तगंज क्षेत्र के विश्रामपुर गांव में दिखा। जहां सरकारी योजनाओं का लाभ पाने को लोग प्रधान से चर्चा चर्चा करते नजर आए। पहचान पत्र में नहीं है गांव का पता :

-ग्राम पंचायत विश्रामपुर के सात मजरों में करीब तीन हजार लोग आबाद हैं। गांव में 90 प्रवासी लॉकडाउन के कारण महानगरों से लौटे हैं। इनमें से अधिकांश लोगों के आधार कार्ड में गांव का पता नहीं है। ग्रामीण हरि प्रसाद ने कहाकि स्थानीय बैंक में खाता खुलवाना है, लेकिन आधार कार्ड में हैदराबाद का पता लिखा है। मतदाता सूची में नाम तो है, लेकिन मतदाता पहचान पत्र नहीं है। दुर्गा प्रसाद व दिवाकर ने कहाकि राशन कार्ड में उनके पत्नी व बच्चों का नाम नहीं दर्ज है। जब तक पुराने राशन कार्ड में संशोधन नहीं हो जाता, राशन नहीं मिलेगा। चंद्रिका, स्वामीनाथ व शत्रोहन ने भी गांव के पते पर मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड नहीं है। ऐसे में पेंशन व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे मिले, इसे लेकर बेचैनी है। बोले प्रधान :

-ग्राम प्रधान यदुवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि प्रवासियों को मनरेगा के तहत रोजगार दिलाया जा रहा है। जिन लोगों के आधार कार्ड में यहां का पता नहीं है, उनका निवास प्रमाण पत्र बनाकर आधार संशोधन कराया जाएगा। मतदाता सूची में दर्ज लोगों का पहचान पत्र बनवाने में पूरी मदद की जाएगी।


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