लैब न इलाज, मरीज कहां जाएं जनाब
बलरामपुर : गंदगी व जलभराव के चलते फैलने वाली मच्छर जनित बचाव के लिए विभाग के पास जरूरी संसा
बलरामपुर : गंदगी व जलभराव के चलते फैलने वाली मच्छर जनित बचाव के लिए विभाग के पास जरूरी संसाधन ही नहीं है। मरीजों की जांच के लिए मलेरिया विभाग के पास लैब नहीं है। फा¨गग के लिए रखी 10 मशीनें खराब हैं। परिसर में खड़े वाहनों में जंक लग रहा है। अफसर धरातल पर उतरने के बजाए कागजी कोरम पूरा करने में जुटे हैं। साफ-सफाई का अभाव व दवाओं का छिड़काव न होने से मच्छर जनित बीमारियां जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई), डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया व फाइलेरिया फैल रहा है।
दस फा¨गग मशीन खराब : संक्रमण वाले क्षेत्रों में फा¨गग करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास 14 मशीनें हैं, लेकिन उनमें से दस मशीन करीब एक वर्ष से खराब है। एक मशीन नगर पालिका परिषद को उधार दे रखी है। विभागीय अधिकारी तीन फा¨गग मशीनों से जिले के दस ब्लॉकों में नियमित फा¨गग करने का दावा कर रहे हैं।
वाहनों में लग रहा जंक : बीमारी फैलने की सूचना मिलने पर वहां पहुंचने के लिए मलेरिया विभाग के पास दो वाहन हैं, लेकिन दोनों पुराने व जर्जर होने के कारण सीएमओ कार्यालय में खड़े जंक खा रहे हैं। फा¨गग मशीन व दवा लादकर ले जाने वाली ट्रॉली भी जिला मेमोरियल अस्पताल में बदहाल खड़ी है।
उतरौला में नहीं होती है फा¨गग : नए बोर्ड के गठन के दस महीने बाद भी नगर में फा¨गग शुरू नहीं हुई है। नगर क्षेत्र के 25 वार्डों में लगभग पचास हजार की आबादी निवास करती है, लेकिन बारिश का आधा मौसम बीतने के बाद भी यहां फा¨गग नहीं कराई गई है। फा¨गग मशीन बोर्ड कार्यकाल में खराब रखी है। नए बोर्ड ने गैर जरूरी सामान तो खरीद लिए, लेकिन नई मशीन खरीदना मुनासिब नहीं समझा।
जिम्मेदार के बोल : जिला मलेरिया अधिकारी मंजुल मयंक ने बताया कि विभाग में सभी संसाधन उपलब्ध हैं। कोई कमी नहीं है। गैर जनपद से मिली सूचना के अनुसार मरीज मिलने वाले क्षेत्रों में फा¨गग कराई जा रही है।