कृषि विभाग को खोजे नहीं मिल रहे 32452 किसान
संवादसूत्र, उतरौला (बलरामपुर) : कृषि विभाग की सूची में दर्ज सत्तर प्रतिशत किसान खोजे नहीं मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देने के लिए तहसील क्षेत्र में हो रहे सर्वे के दौरान उक्त तथ्य प्रकाश में आने के बाद तहसील प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। कृषि विभाग ने सूची में दर्ज किसानों को बीज व खाद देने के साथ सब्सिडी की रकम इन किसानों के खातों में भेजी लेकिन लाभ लेने के बाद 32452 किसान कहां गायब हो गए यह पता लगा पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मंगलवार को जिस लेखपाल की फर्जी रिपोर्टिंग के आधार पर सेवा मुक्ति की सिफारिश की गई थी उसी गांव का स्थलीय सत्यापन करने के बाद यह पाया गया कि इस गांव में सिर्फ एक व्यक्ति ही सूची में शामिल है जो दूसरे ग्राम सभा का निवासी है। उतरौला के हरडिहवा गांव मे कृषि विभाग ने 1
सुरेंद्र प्रताप श्रीवास्तव, उतरौला (बलरामपुर): कृषि विभाग की सूची में दर्ज 32452 किसान खोजे नहीं मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देने के लिए तहसील क्षेत्र में हो रहे सर्वे के दौरान यह मामला सामने आया है। कृषि विभाग ने सूची में दर्ज इन किसानों को बीज व खाद देने के साथ सब्सिडी की रकम खातों में भेज दी। लाभ लेने के बाद ये किसान कहां गायब हो गए, इसका पता लगाने में जिम्मेदार अफसरों को पसीने छूट रहे हैं।
मंगलगलवार को गजपुरग्रंट के लेखपाल की फर्जी रिपोर्टिंग के आधार पर सेवामुक्ति की सिफारिश की गई थी। गांव के स्थलीय सत्यापन में सिर्फ एक व्यक्ति सूची में शामिल है। जो दूसरे ग्राम सभा का निवासी है। उतरौला के हरडिहवा गांव मे कृषि विभाग ने 18 किसानों की सूची भेजी। जिसमें से महज दो किसान ही मौजूद मिले। बाकी किसानों का मोबाइल नंबर व पता गलत है। गैंड़ासबुजुर्ग के बंजरहा में खतौनी अभी पिता के ही नाम है, लेकिन सूची में दोनों पुत्रों को भी किसान बना दिया गया है। तहसील क्षेत्र में सिर्फ 363 राजस्व ग्राम हैं, लेकिन कृषि विभाग ने 393 गांवों के 46459 किसानों की सूची भेज दी है। सत्यापन में 14007 किसान ही सही मिले। यही नहीं, किसानों के बैंक खाते भी जनपद मुख्यालय व अन्य जनपदों के मिले हैं। जबकि कृषि विभाग की सूची में रेंडवलिया निवासी ओम प्रकाश, सुंदर लाल, पेहर निवासी राजाराम समेत बड़ी संख्या में वास्तविक किसानों के नाम शामिल ही नहीं किए गए। जिम्मेदार के बोल :
एसडीएम जेपी ¨सह का कहना है कि गजपुर ग्रंट में 195 लोगों में सिर्फ एक व्यक्ति मिला, लेकिन वह दूसरे गांव का है। सभी लेखपाल सूची में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं।