सफेद रेत का काला कारोबार, कानून तार-तार
बलरामपुर :शासन ने भले ही 30 सितंबर तक बालू खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन जिले में सफेद र
बलरामपुर :शासन ने भले ही 30 सितंबर तक बालू खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन जिले में सफेद रेत का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बालू माफिया के तार सफेदपोशों से जुड़े होने के कारण पुलिस व प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। महराजगंज तराई, पचपेड़वा, गैंसड़ी, ललिया, हरैया, नगर कोतवाली, देहात कोतवाली, उतरौला, रेहराबाजार व गौरा चौराहा थाना क्षेत्र स्थित नदी एवं नालों को रात के अंधेरे में छलनी किया जा रहा है। रोजाना 50 से 60 ट्राली व ट्रक से बालू खनन कर गंतव्यों तक पहुंचाया जा रहा है।
ललिया थाना क्षेत्र के गौरिया नाला के निकट मटियरिया गांव, हेंगहा नाला के परसहवा व खैरहनिया नाला के रामनगर रसईपुरवा गांव के पास अवैध बालू खनन का खेल जारी है। शाम होते ही यहां ट्रैक्टर-ट्रालियों व ट्रकों की कतार लग जाती है। जहां पूरी रात माफिया बेखौफ होकर बालू खनन करवा रहे हैं। खास बात यह है कि बालू लदे वाहन आसानी से पुलिस की आंखों के सामने से निकल जाते हैं, लेकिन इन्हें रोकने की हिम्मत पुलिसकर्मी नहीं जुटा पाते। इसी तरह हरैया थाना क्षेत्र के धोबीनिया नाला, कचनी व जमधरा नाला से भी अवैध बालू खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। भांभर, खरझार, कचनी, नकटी नालों समेत राप्ती नदी के कोड़री घाट व बूढ़ी राप्ती से सफेद रेत का कारोबार फल-फूल रहा है। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि अवैध बालू खनन किए जानकारी नहीं है। बावजूद इसके जांच कराई जाएगी। यदि मामला सही निकला, तो खनन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।