कायाकल्प की न पहुंची किरण, शिक्षकों की मनमानी चरम पर
नए शैक्षिक सत्र का आगाज होने पर भी परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प योजना की चमक फीकी रह गई। अधिकांश स्कूलों की बदहाली मरम्मत के अभाव में दूर नहीं हो सकी है। कंपोजिट स्कूल ग्रांट के बजट से आंशिक मरम्मत व रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है। यही नहीं अवकाश के नाम पर शिक्षक स्कूलों से गायब रहते हैं लेकिन विभागीय अफसर जांच करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सूत्र की मानें तो अफसरों से साठगांठ होने से शिक्षकों की मनमानी चरम पर है। जिससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार का दावा बेमानी साबित हो रहा है।
बलरामपुर :नए शैक्षिक सत्र का आगाज होने पर भी परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प योजना की चमक फीकी रह गई। अधिकांश स्कूलों की बदहाली मरम्मत के अभाव में दूर नहीं हो सकी है। कंपोजिट स्कूल ग्रांट के बजट से आंशिक मरम्मत व रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है। यही नहीं, अवकाश के नाम पर शिक्षक स्कूलों से गायब रहते हैं, लेकिन विभागीय अफसर जांच करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सूत्र की मानें तो अफसरों से साठगांठ होने से शिक्षकों की मनमानी चरम पर है। जिससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार का दावा बेमानी साबित हो रहा है। दश्य एक : समय 9.10 बजे। प्राथमिक विद्यालय अहिरवनडीह में प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार सिंह मौजूद मिले। बताया कि 102 में से 82 बच्चे आए हैं। सहायक अध्यापिका कंचन गुप्ता जुलाई से चिकित्सीय अवकाश पर बताई गईं। मध्याह्न भोजन रसोई गैस के बजाय चूल्हे पर बनता मिला। शौचालय का दरवाजा गायब मिला। रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है। ²श्य दो : समय 9.24 बजे। प्रावि भकसिनिया बिथारिया में सहायक अध्यापक आशीष कुमार ने बताया कि 73 में से 63 बच्चे आए हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक सत्येंद्र प्रताप आर्य व सहायक अध्यापक विनय यादव नदारद मिले। विद्यालय के बच्चे मध्याह्न भोजन के लिए चावर की बोरी साइकिल पर कोटेदार के घर से लाते मिले। चहारदीवारी नहीं बनी है। शौचालय में ताला बंद रहा। दश्य तीन : समय 9.50 बजे। सदर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय विशनापुर नवीन में इंचार्ज प्रधानाध्यापक विकास श्रीवास्तव ने बताया कि 198 के सापेक्ष 98 बच्चे आए हैं। सहायक अध्यापिका सिपल गुप्ता व शिक्षामित्र सारिका शुक्ला नदारद थीं। विद्यालय का एक हैंडपंप खराब व दूसरा दूषित पानी दे रहा है। दरवाजे व खिड़कियां टूटी मिलीं। रंगाई-पुताई नहीं हुई है। बालिकाओं के लिए एक शौचालय बना है। जबकि बालकों को खुले में जाना पड़ता है। जिम्मेदार के बोल :
-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि शिक्षकों को नियमित स्कूल आने का निर्देश दिया गया है। जांच कराई जाएगी। कंपोजिट ग्रांट से कार्य न होने व मध्याह्न भोजन में खामियां मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।