अज्ञात बीमारी से मासूम भाइयों की मौत, सकते में ग्रामीण
जरवा के हथियागढ़ गांव में पसर गया मातम पेट दर्द व खांसी के बाद हुई बच्चों की मौत
बलरामपुर : जरवा कोतवाली क्षेत्र के हथियागढ़ गांव में निवासी मुन्ना के बेटों मुकेश व आशीष की अज्ञात बीमारी के कारण मौत हो गई। पुलिस की मौजूदगी में पंचनामा के बाद शवों को दफना दिया गया है। उधर ग्रामीण बच्चों की मौत का कारण कोरोना महामारी को मान रहे हैं। बिना कोरोना जांच के शव दफन करने से ग्रामीण सशंकित हैं। एक ही परिवार के दो बच्चों की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है।
मुन्ना की पत्नी मन्ना देवी ने बताया कि उसके चार वर्षीय बेटे मुकेश को पहले बुखार था। गांव स्थित एक क्लीनिक पर उसका इलाज हो रहा था। रात में उसकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। उसे उल्टी व खांसी आने के साथ सांस फूलने लगा। थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। जब तक लोग उसे संभालते तभी दूसरे बेटे सात वर्षीय आशीष को भी पेट दर्द के साथ खांसी आने लगी। इलाज के लिए जिला मुख्यालय लाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। बच्चों की मौत से समूचे गांव में मातम छा गया। पुलिस उपाधीक्षक शिवप्रसाद व जरवा कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह ने परिवारजन के अनुरोध पर पंचनामा के बाद शवों को दफनाने की स्वीकृति दे दी। पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि बच्चों का पेट दर्द हो रहा था। जिससे उसकी मौत हुई है। इसलिए बिना पोस्टमार्टम अंत्येष्टि की अनुमति दी गई है।
कराई जाएगी सैंपलिग : जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि संबंधित गांव को सील कराकर सभी की सैंपलिग कराई जाएगी। परिवार के सदस्यों का भी सैंपल एकत्र करने का निर्देश सीएमओ को दिया गया है। जिससे बच्चों की मौत के कारणों का पता लग सके।