Move to Jagran APP

चार साल से नहीं हुई सर्जरी, नसबंदी कक्ष बन गई ओटी

बलरामपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लाखों की लागत से बने सर्जरी कक्ष (ऑपरेशन थिएटर) निष्प्रयोज्य हैं। चार साल में किसी भी ब्लॉक स्तरीय अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन नहीं हुआ है। वजह अस्पताल में सर्जन की तैनाती न होना बताया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 10:49 PM (IST)
चार साल से नहीं हुई सर्जरी, नसबंदी कक्ष बन गई ओटी
चार साल से नहीं हुई सर्जरी, नसबंदी कक्ष बन गई ओटी

बलरामपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लाखों की लागत से बने सर्जरी कक्ष (ऑपरेशन थिएटर) निष्प्रयोज्य हैं। चार साल में किसी भी ब्लॉक स्तरीय अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन नहीं हुआ है। वजह अस्पताल में सर्जन की तैनाती न होना बताया जाता है। ऐसे में गंभीर मरीजों के साथ गर्भवती का दर्द उस समय और बढ़ जाता है जब डॉक्टर उन्हें सर्जरी के लिए जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले करीब 15 लाख लोगों की स्वास्थ्य सेवा नौ ब्लॉकों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सहारे है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के मरीजों को भी पहले सीएचसी रेफर किया जाता है। संसाधनों के अभाव में यहां से मरीजों को ऑपरेशन के लिए रेफर कर दिया जाता है। सीएचसी में बने ऑपरेशन थिएटर अब नसबंदी शिविर कक्ष बनकर रह गए हैं।

loksabha election banner

100 से अधिक मरीज होते हैं रेफर :

- जिले में नौ सामुदायिक व 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। अधिकांश सीएचसी पर ऑपरेशन थिएटर तो है, लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। वर्ष 2015 में सीएचसी तुलसीपुर में सर्जन डॉ. आरसी गुप्त की तैनाती तो हुई, लेकिन निश्चेतक के अभाव में छह माह के कार्यकाल में उन्होंने कोई ऑपरेशन नहीं किया। चिकित्सक बताते हैं कि एक सीएचसी से प्रतिमाह औसतन 15 मरीजों को ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में सभी ब्लॉक से जिले पर आने वाले मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो जाती है। इनमें अधिकांश मरीज गर्भवती होती हैं। सर्जन के अभाव में बंद है सर्जरी :

- सीएमओ डॉ. घनश्याम ¨सह का कहना है कि सीएचसी पर ऑपरेशन न होने का कारण सर्जन की तैनाती न होना है। चिकित्सकों के आते ही अस्पताल में सेवा शुरू हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.