फाइलो में पौधे, हवा में हरियाली
जिले में पौधरोपण अभियान के तहत करीब साढ़े चार लाख पौधे लगाने का हिसाब विभागाध्यक्ष नहीं दे पा रहे हैं। जो उनके गले की फांस बनता जा रहा है। प्रशासन ने सभी विभागों से पौधरोपण वाले स्थलों की सूची फोटो सहित तलब की थी, लेकिन तय समय बीतने के बाद भी विभागवार रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। जिन स्थानों पर ट्री-गार्ड खड़े कर पौधे लगाए गए थे, वह सूख चुके हैं। अब सूखे पौधों की फोटोग्राफी कैसे की जाए, यह ¨चता जिम्मेदारों को सता रही है। यही नहीं, पूर्व में कागजों में पौधरोपण के फर्जी रिपोर्टिंग का राजफाश होने की आशंका से अफरातफरी मची हुई है।
रमन मिश्र, बलरामपुर :
धरती को हरा भरा करने का सरकारी अभियान फाइलों में चलाया गया और हवा में भी हरियाली फैलती रही। अब जब पौधों की तलाश शुरू हुई तो हकीकत सामने आने लगी। अधिकारियों को पौधों की तलाश में पसीना छूट रहा है। जिले में पौधरोपण अभियान के तहत करीब साढ़े चार लाख पौधे लगाने का हिसाब विभागाध्यक्ष नहीं दे पा रहे हैं। जो उनके गले की फांस बनता जा रहा है। प्रशासन ने सभी विभागों से पौधरोपण वाले स्थलों की सूची फोटो सहित तलब की थी, लेकिन तय समय बीतने के बाद भी विभागवार रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। जिन स्थानों पर ट्री-गार्ड खड़े कर पौधे लगाए गए थे, वह सूख चुके हैं। अब सूखे पौधों की फोटोग्राफी कैसे की जाए, यह ¨चता जिम्मेदारों को सता रही है। यही नहीं, पूर्व में कागजों में पौधरोपण के फर्जी रिपोर्टिंग का राजफाश होने की आशंका से अफरातफरी मची हुई है।
15 अगस्त तक पौधरोपण का था लक्ष्य :
वन विभाग ने जिले के सरकारी विभागों को 15 अगस्त तक चार लाख 41 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य दिया था। पर्यावरण को हरा-भर रखने के लिए शीशम, नीम, आम, अमरूद व लीची के फल एवं छायादार वृक्ष लगाए जाने थे। इसके तहत ग्राम विकास विभाग को 1,28,500, लोक निर्माण को 6900, रेशम विभाग को 12160, ¨सचाई 10,500, माध्यमिक शिक्षा विभाग 35 हजार, बेसिक शिक्षा 77,500 व उद्यान विभाग को 9300 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया था। इसी तरह विद्युत विभाग, नगर पालिका समेत अन्य विभागों को भी पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था। जिम्मेदारों ने पौधरोपण में दिलचस्पी न दिखाकर कागजों में फर्जी रिपोर्टिंग तो कर दी, लेकिन पौधरोपण कराए गए स्थलों की फोटो सहित सूची मुहैया कराने में पसीने छूट रहे हैं।
कोट
पौधरोपण की फोटो जियो टैग करने के लिए विभागाध्यक्षों को दोबारा पत्र लिखा गया है। साथ ही डीएम को मामले से अवगत कराया गया है।
रजनीकांत मित्तल, डीएफओ