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नौनिहालों को नहीं नसीब हुआ स्वेटर, कहीं पड़ न जाएं बीमार

ये चंद मामले तो महज बानगी भर हैं। नवंबर बीतने में कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन जिम्मेदारों की संवेदनहीनता से अब तक नौनिहालों को स्वेटर नसीब नहीं हो सका है। आलम यह है कि सुबह के समय कोहरा पड़ने से दूरदराज के बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल आने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारी जेएम पोर्टल में तकनीकी खामी की दुहाई देकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों को स्वेटर कब तक नसीब होगा इसका जवाब अफसरों के पास नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:10 AM (IST)
नौनिहालों को नहीं नसीब हुआ स्वेटर, कहीं पड़ न जाएं बीमार
नौनिहालों को नहीं नसीब हुआ स्वेटर, कहीं पड़ न जाएं बीमार

बलरामपुर : नवंबर बीतने में कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की संवेदनहीनता से अब तक नौनिहालों को स्वेटर नसीब नहीं हो सका है। आलम यह है कि सुबह के समय कोहरा पड़ने से दूरदराज के बच्चे ठिठुरते हुए स्कूल आने को मजबूर हैं। विभागीय अधिकारी जेएम पोर्टल में तकनीकी खामी की दुहाई देकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर रहे हैं। ऐसे में नौनिहालों को स्वेटर कब तक नसीब होगा, इसका जवाब अफसरों के पास नहीं है।

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दृश्य एक : समय 12 बजे। उच्च प्राथमिक विद्यालय कोड़री में नामांकित 150 में से 74 बच्चे मौजूद मिले। प्रधानाध्यापक चंद्रेश कुमार मिश्र ने बताया कि अब तक स्वेटर नहीं मिल सका है। मौसम बदलने से बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। विद्यालय की छात्रा सुमन, मनीषा व मनोज सर्दी-जुकाम से पीड़ित हैं। दृश्य दो : समय 12.30 बजे। प्राथमिक विद्यालय बढ़ईपुरवा में बच्चे खेलते मिले। प्रधानाध्यापक हर्षित सिंह ने बताया कि पंजीकृत 183 में से 170 बच्चे आए हैं। कहा कि ठंड लगने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। इसलिए उन्हें स्वेटर मिलने तक घर के गर्म कपड़े पहनकर आने को कहा गया है। दृश्य तीन : समय 1.10 बजे। प्राथमिक विद्यालय काशीपुर। सहायक अध्यापक अविनाश द्विवेदी ने बताया कि पंजीकृत 158 में से 89 बच्चे स्कूल आए हैं। बच्चों को स्वेटर वितरण नहीं हो सका है। कमरे में सीलन होने के कारण बच्चे ठिठुरते दिखे। बताया कि मौसम बदलने से बीमारी की आशंका बनी रहती है। जिम्मेदार के बोल :

-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि स्वेटर वितरण के लिए कानपुर की कार्यदायी संस्था को टेंडर मिला है। जेएम पोर्टल की तकनीकी खामी दूर होते ही बच्चों को स्वेटर वितरित करा दिया जाएगा।


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