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सरकारी आवास किराए पर, बेबस हैं अफसर

¨सचाई विभाग परिसर में बनी आवासीय कॉलोनी पर अवैध कब्जा है। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बने आवासों को किराए पर उठा दिया गया है। जिसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। यही नहीं, सेवानिवृत व स्थानांतरित कर्मचारी भी आवास छोड़ने को तैयार नहीं है। जिम्मेदार अफसर अवैध रूप से काबिज आवासों को खाली कराने में बेबस नजर आ रहे हैं। जिससे ¨सचाई विभाग के विभिन्न खंड कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को आवास के लिए भटकना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 11:23 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 11:23 PM (IST)
सरकारी आवास किराए पर, बेबस हैं अफसर
सरकारी आवास किराए पर, बेबस हैं अफसर

बलरामपुर :¨सचाई विभाग परिसर में बनी आवासीय कॉलोनी पर अवैध कब्जा है। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बने आवासों को किराए पर उठा दिया गया है। जिसमें विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। यही नहीं, सेवानिवृत व स्थानांतरित कर्मचारी भी आवास छोड़ने को तैयार नहीं है। जिम्मेदार अफसर अवैध रूप से काबिज आवासों को खाली कराने में बेबस नजर आ रहे हैं। जिससे ¨सचाई विभाग के विभिन्न खंड कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को आवास के लिए भटकना पड़ रहा है। तबादले के बाद भी है इनका कब्जा :

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-सहायक अभियंता बालकराम का स्थानांतरण एक वर्ष पूर्व सरयू ड्रेनेज खंड गोंडा में हो गया था। आज भी कॉलोनी के आवास में इनके नाम की पट्टिका व कब्जा बरकरार है। अवर अभियंता संगम लाल का तबादला एक साल पहले बाढ़ खंड श्रावस्ती में हुआ था। वह भी यहां के आवास पर काबिज हैं। सहायक अभियंता रामायण राम दो साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन आज भी कॉलोनी में स्थित आवास में ही रहते हैं। सहायक अभियंता रमेश कुमार की बहराइच में तैनाती है, लेकिन आवास पर कब्जा जमाए हुए हैं। किराए पर रहते हैं शिक्षक :

-¨सचाई विभाग कॉलोनी में 50 से अधिक आवासों पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के बजाय परिषदीय स्कूलों के शिक्षक निवास करते हैं। सूत्र की मानें तो दो आवासों को किराए पर उठाया गया है। जिसका प्रतिमाह किराया अदा कर शिक्षक रहते हैं। जबकि प्रतिमाह 300 रुपये एचआरए की कटौती कराने के बाद भी विभागीय कर्मचारी सिर छुपाने को भटक रहे हैं। जिम्मेदार के बोल :

-सरयू नहर खंड-प्रथम के अधिशासी अभियंता सुंदरलाल वर्मा का कहना है कि जो भी अधिकारी व कर्मचारी अनाधिकृत रूप से आवासों में रह रहे हैं, उन्हें नोटिस भेजी गई थी। कुछ ने आवास खाली भी कर दिया है, जिसका आवंटन दूसरे कर्मचारी के नाम कर दिया गया है। जो लोग आवास खाली नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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