अवैध पेड़ों की कटान जारी, चुप्पी साधे हैं अधिकारी
हरैया सतघरवा बलरामपुर सुहेलवा जंगल से सटे तराई क्षेत्र के गांवो में अवैध हरे पेड़ों का कटान तेजी से हो रहा है । पेड़ों का कटान अधिक हो जाने से आम व शीशम के बाग गांव से गायब हो चुके हैं । पेड़ो पर बसेरा बनाने वाली पक्षियों का आश्रय छिन गया है । पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की अधाधुंध कटान से हतप्रभ है । वन विभाग व पुलिस विभाग अवैध पेड़ों के कटान को लेकर मौन है । केस एक ललिया थाना क्षेत्र के इमिलिया व मटियरिया गांव में सड़क के पश्चिमी छोर पर
बलरामपुर :सोहेलवा जंगल से सटे तराई क्षेत्र के गांवों में अवैध हरे पेड़ों का कटान तेजी से हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटान से आम व शीशम के बाग गांव से गायब होते जा रहे हैं। यही नहीं, पेड़ों पर बसेरा बनाने वाले पक्षियों का आश्रय छिन गया है। जहां एक ओर पर्यावरण प्रेमी पेड़ों की कटान से ¨चतित हैं, वहीं वन विभाग व पुलिस इस ओर खामोशी अख्तियार किए हुए है। जिससे बेखौफ वन माफिया के हौंसले बुलंद हैं। यह मामले हैं बानगी :
-बीते दिनों ललिया थाना क्षेत्र के इमिलिया व मटियरिया गांव में सड़क के पश्चिमी छोर पर आम के एक दर्जन से अधिक हरे पेड़ों को वन माफिया काट ले गये। पुलिस व वन विभाग लकड़ी काटने वालों का अब तक पता नहीं लगा सका है। इसी थाना क्षेत्र के ठड़क्की, लेंगड़ी, भरहा, भगता गांव में शीशम व आम के 24 हरे पेड़ों की दिन-दहाड़े कटान कर बाग को वीरान कर दिया गया। इसी तरह अमवा गांव में लगे शीशम के 18 पेड़ों को अवैध रुप काट लिया गया। एसएसबी ने काटी गई लकड़ी को ट्रैक्टर-ट्राली समेत पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया। बावजूद इसके वन विभाग कार्रवाई करने से कतरा कर रहा है।
जिम्मेदार के बोल :
-डीएफओ रजनीकांत मित्तल का कहना है कि पेड़ों की कटान करने वालों पर अंकुश लगाया जा रहा है। वन क्षेत्राधिकारियों व वनरक्षकों को बराबर जंगल पर नजर रखने की हिदायत दी गई है।