बाढ़ का कहर जारी, एक युवक की डूबने से मौत
गांव से बाहर निकलने के लिए पानी में घुसकर ही लोग निकलते हैं। ऐसे में किसी की तबियत खराब होने पर उसे इलाज भी समय से नहीं मिल पाता है। गांव के उमानाथ मिश्र को बिच्छू ने डंक मार दिया। जहां उनका उपचार हो सका।
बलरामपुर : जिले में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान 104.620 से ऊपर है। नदी का जलस्तर घट रहा है, लेकिन मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ के पानी से करीब 100 गांव घिरे हैं। कोतवाली उतरौला क्षेत्र के महुआधनी निवासी गुड्डू (40) पुत्र राम तीरथ की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गई। मृतक देवरिया अर्जुन गांव से अपने घर जा रहा था। रास्ते में नहर के पास डिप पर तेज बहाव में बह गया। एसडीएम ने बताया कि शव को निकाल लिया गया है। उतरौला के ही तिलखी बघनी स्थित गोशाला में पानी भर जाने से एक गोवंश की डूबने से मौत हो गई। नेशनल हाईवे पर बेलहा डिप पर पानी का बहाव तेज होने से बलरामपुर-तुलसीपुर के बीच आवागमन बंद है। गौरा-तुलसीपुर मार्ग स्थित दतरंगवा व ललिया-हरिहरगंज मार्ग पर लौकहवा, जहदी व खैरपुरवा डिप पर नाव लगाकर आवागमन की व्यवस्था की गई है। श्रीदत्तगंज क्षेत्र के बभनपुरवा व परसिया गांव में नदी तेजी से कटान कर रही है। परसिया गांव में पानी भरने लगा है। जिससे ग्रामीण दहशत में है। पिट्ठा में पानी भरने से दस कच्चे मकान ढह गए। तहसील के 100 गांव प्रभावित
उतरौला : क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति और विकट होती जा रही है। सोमवार रात से लगातार नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद पांच दर्जन से अधिक गांवों के संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। परसौना, नंदौरी, महुआधनी, पालापुर, देवरिया अर्जुन, बिरदा, लालनगर, मटियरिया कर्मा, बाघाजोत, तिलहर, बरायल, जनुका, बारम, बभनपुरवा, लखमा गांवों में लगातार बाढ़ का पानी बढ़ रहा है। इन गांवों को जाने वाले संपर्क मार्गों पर पानी का बहाव तेज है। नाव से लोग आ जा रहे है। पानी को देखते हुए पचपेड़वा मार्ग पर आवागमन बंद है। एसडीएम एके गौड़ ने बताया कि बाढ़ चौकियों पर कर्मचारी तैनात हैं। कुल तीस गांवों के बाढ़ से प्रभावित होने की सूचना है। तुलसीपुर व बलरामपुर तहसील क्षेत्र के करीब 70 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। बेला बेली, हरवंशपुर, पटोहाकोट, बरगदही, किठूरा, मधनगर, मिर्जापुर, पूरेछीटन, अमरहवा, चंदनजोत, सुखदेवपुरवा, जहदारिया, हिम्मतपुरवा, बुडंतपुर, झरिहरडीह, किला, पिट्ठा व भुसैलिया सहित अन्य गांव प्रभावित हैं। पशु आश्रय स्थल में भरा पानी :
उतरौला : तिलखी बभनी गांव में गोशाला के चारों तरफ आठ से दस फीट पानी भर गया है। पानी में डूबने से एक गोवंश की मौत हो गई। आठ गोवंशों को ग्रामीणों ने जान की बाजी लगा कर बाहर निकाल लिया। ग्रामीण सीताराम कश्यप, संजय,बाल्मीकि,बटनू, छैल बिहारी, भगौती व खजांची ने पानी में डूब रहे गोवंशों को सुरक्षित निकाला। ठेलिया पर लाद पहुंचे अस्पताल
हरैया सतघरवा : क्षेत्र के ठड़क्की गांव मे पहाड़ी नाला हेंगहा का पानी भरा है। गांव से बाहर निकलने के लिए पानी में घुसकर ही लोग निकलते हैं। ऐसे में किसी की तबियत खराब होने पर उसे इलाज भी समय से नहीं मिल पाता है। गांव के उमानाथ मिश्र को बिच्छू ने डंक मार दिया। उनका शरीर अकड़ने लगा। परिवारजन विजय कुमार, रोजेश, झगरु व रामसेवक ने उनको ठेलिया पर लादकर किसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां उनका उपचार हो सका।