नगर में पांच अंत्येष्टि स्थल टीन शेड के नीचे, सिसई में सर्वाधिक दाह संस्कार
दो शवदाह स्थल बनाने को भेजा प्रस्ताव राप्ती नदी के तट पर बना अंत्येष्टि स्थल काफी पुराना
बलरामपुर : गाजियाबाद के मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल की छत गिरने से 23 लोगों की मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना ने जिले के अंत्येष्टि स्थलों की मजबूती व सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर सिसई गांव में राप्ती नदी के तट पर बना अंत्येष्टि स्थल काफी पुराना है। हिदू परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर ज्यादातर अंतिम संस्कार सिसई घाट पर ही किया जाता है। राज परिवार व आमजन के सहयोग से निर्मित शवदाह स्थल का रखरखाव भी किया जाता है। इसके अलावा नगर क्षेत्र में बने पांच अंत्येष्टि स्थल टीन शेड के नीचे हैं। जो सुरक्षा की ²ष्टि से मुफीद हैं। यहां इस तरह की घटनाओं की संभावना न के बराबर है।
सिसई गांव में शवदाह स्थल बना हुआ है। दशकों से यहां हिदू धर्म के लोगों का अंतिम संस्कार होता आ रहा है। करीब दस साल पहले शवदाह स्थल का सुंदरीकरण राज परिवार के सहयोग से कराया गया। शवों के दाह संस्कार वाली जगह के चारों तरफ बाउंड्रीवाल व छत का निर्माण कराया गया, जिससे बारिश में संस्कार में दिक्कत न हो। साथ ही आए लोगों के बैठने के लिए शेड के नीचे बेंच भी बनवाया गया है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी स्थानीय व्यक्ति को दी गई है।
शहर में हैं पांच शवदाह स्थल :
- शहर स्थित विशुनीपुर, अंधियारी वार्ड स्थित वाल्मीकि समाज व पंडा समाज कब्रिस्तान का निर्माण हाल ही में नगर पालिका प्रशासन की ओर से कराया गया है। प्रत्येक अंत्येष्टि स्थल पर 30-30 लाख रुपये की लागत से टिन शेड, बाउंड्रीवाल, हैंडपंप व बेंच का निर्माण कराया गया है। उतरौला मार्ग पर विधायक निधि से बना अंत्येष्टि स्थल व रानी तालाब स्थित शवदाह स्थल भी टिन शेड के नीचे है।
दो अंत्येष्टि स्थल के लिए भेजा प्रस्ताव :
- नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली ने बताया कि शहर क्षेत्र में दो अंतयेष्टि स्थल और बनवाए जाएंगे। इसके बाद नगर में सात शवदाह स्थल हो जाएंगे। दिपवा बाग व अचलापुर में अंत्येष्टि स्थल के लिए जमीन चिन्हित है। निर्माण के लिए शासन को 40-40 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।