आग के मुहाने पर बाजार, प्रशासन को हादसे का इंतजार
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बलरामपुर : सूरत की कोचिग में हुए अग्निकांड की तस्वीरें हर किसी के दिलों दिमाग पर छाई हुईं हैं। जिले के व्यस्ततम बाजारों व कॉम्प्लेक्स में भी एक चिगारी इस तरह की तस्वीर का सबब बन सकती है। नगर के मुख्य बाजार में अतिक्रमण के चलते सड़कें सकरी हो गईं हैं। आग की घटनाएं होने के बाद मदद के लिए दमकल की गाड़ी समय से नहीं पहुंच पाती हैं। पूर्व में आग की घटनाएं भी हो चुकी हैं। बीच बाजार में दमकल की गाड़ी में पानी भरने के लिए बने हाइड्रेंट भी गायब हैं। बावजूद इसके जिला प्रशासन तनिक भी संजीदा नहीं है।
यहां नहीं पहुंच पाती मदद :
-जिला से लेकर तहसील मुख्यालय के बाजारों में आवश्यकता पड़ने पर दमकल वाहन आसानी से मदद के लिए नहीं पहुंच पाते हैं। क्योंकि मुख्य बाजार की सड़क के दोनों किनारों पर अवैध कब्जा होने से जाम की समस्या बनी रहती है। वीर विनय चौराहा से पुराने चौक तक यदि कहीं आग लग जाए तो मदद नहीं पहुंच सकती। वजह, सराय फाटक व सब्जीमंडी के पास देर रात तक जाम लगा रहता है। घास मंडी के पास मॉल होने से भीड़ बनी रहती है। यहां से चौक मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर किराना दुकानदारों का कब्जा है। इसी तरह मेजर चौराहा से चौक तक सड़क सकरी है। ऐसे में यहां आग बुझाने का इंतजाम हो पाना टेढ़ी खीर है।
हाइड्रेंट दुरुस्त कराने की जरूरत : आपदा के समय दमकल की गाड़ी को पानी भी नहीं मिल पाता है। पानी लेने के लिए शहर से करीब पांच किलोमीटर दूर चीनी मिल तक चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे में जब तक दमकल कर्मी पानी लेकर लौटते हैं तब तक सबकुछ जलाकर राख हो जाता है। नगर में सात स्थानों माया होटल, जिला महिला अस्पताल, गुड़मंडी, चौक चौराहा, बड़ापुल व ज्योति टाकीज के निकट हाइड्रेंट हैं। इनको दुरुस्त कराने में नगर पालिका प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। जिम्मेदार के बोल
- अधिशासी अधिकारी राकेश जायसवाल का कहना है कि नगर में सात स्थानों पर हाइड्रेंट है। हाइड्रेंट को जमीन से ऊपर करके उसको घेरा जाएगा। इस व्यवस्था से अतिक्रमण भी नहीं होगा।
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