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खेतों में जल रही पारली, दोपहर तक छाई रही धुंध

सर्दी से पहले आसमान में गहराती धुंध ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। दोपहर 12 बजे तक धुंध छाई रही। वायु प्रदूषण से पहले ही घुट रहे लोग पराली जलाने से और भी खतरनाक हो गई है। गैसें वायुमंडल की निचली परत में जमा हो रही हैं। विशेषज्ञ का दावा है कि इन गैसों से न सिर्फ सांस के मरीज बढ़ेंगे बल्कि खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो रही है। अधिकारी सिर्फ कागजों में बयानबाजी तक सिमट कर रह गए हैं। उन्हें धरातल पर उतरने की फुर्सत नहीं मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 10:49 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:35 AM (IST)
खेतों में जल रही पारली, दोपहर तक छाई रही धुंध
खेतों में जल रही पारली, दोपहर तक छाई रही धुंध

बलरामपुर : सर्दी से पहले आसमान में गहराती धुंध ने वाहनों की रफ्तार रोक दी है। दोपहर 12 बजे तक धुंध छाई रही। इसके बावजूद भी खेतों में पराली जलाई जा रही है। जिससे हालत और भी भयावह होते जा रहे हैं, लेकिन लोगों पर इसका असर नहीं पड़ रहा है। चिकित्सक का दावा है कि इन गैसों से न सिर्फ सांस के मरीज बढ़ेंगे,बल्कि खेतों की उर्वरा शक्ति भी खत्म हो जाएगी। अधिकारी सिर्फ बयानबाजी तक सिमट कर रह गए हैं,उन्हें धरातल पर उतरने की फुर्सत नहीं है।

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खेतीबाड़ी में मुनाफा कमाने की होड़ में धान की पराली,गन्ने की पत्ती व अन्य खरपतवार खेत में ही जलाने की परंपरा चल पड़ी है। धान की फसल के बाद किसान रबी की सफल लेने की जल्दबाजी में पराली खेत में ही जला रहे हैं। इससे वातावरण में कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड गैसें बढ़ रही हैं। क्षेत्र में स्थित ईंट भट्ठों की चिमनियों व चीनी मिलों का धुआं फैल रहा है। जिससे आसमान में जहर घुल रहा है।

बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग : जिला मेमोरियल अस्पताल में तैनात डॉ. रमेश पांडेय का कहना है कि धुआं सांस की नलियों में पहुंचकर उसे उत्तेजित करता है। कई बार नलियां सिकुड़ जाती हैं। जिससे अस्थमा व अन्य बीमारियां हो सकती है। खरपतवार में पॉलीथिन, व प्लास्टिक जलाने से कैंसरकारक एवं हृदय पक्षाघात करने वाले रसायन सूक्ष्म कणों के रूप में रक्त में पहुंच सकते हैं।

जिम्मेदार के बोल

-खेतों में पराली जलाने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए अधिकारियों को पूर्व में ही निर्देश दिया जा चुका है। साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए अधिकारियों को कहा जा चुका है। -अरुण कुमार शुक्ल, अपर जिलाधिकारी


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