अफसर नहीं रहे जाग, कैसे बुझेगी गांव की आग
चित्र परिचय - संवादसूत्र उतरौला (बलरामपुर) तहसील मुख्यालय पर निर्माणाधीन फायर स्टेशन बजट की कमी के कारण चार जिससे क्षेत्र के 363 गांवों की झुग्गी-झोपडियों व फसलों को बचाना अग्निशमन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
बलरामपुर :
तहसील मुख्यालय पर निर्माणाधीन फायर स्टेशन चार साल से संचालन शुरू होने की बांट जोह रहा है। जिम्मेदार बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। ऐसे में इस बार गर्मी में भी अग्निकांड की घटना होने पर आग बुझाने को संसाधन उधार लेने होंगे। फायर स्टेशन का निर्माण पूरा न होने से अपेक्षित संसाधन मुहैया नहीं हो सके हैं। जिससे क्षेत्र के 363 गांवों की झुग्गी-झोपडियों व फसलों को बचाना अग्निशमन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
2016 में होना था हैंडओवर :
-फायर स्टेशन निर्माण के लिए स्टेट कांस्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर को 2015 में 451.77 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। संस्था को दिसंबर 2016 में निर्माण पूरा कराकर भवन हस्तांतरित करना था। फायर स्टेशन का निर्माण शुरू होने पर क्षेत्रवासियों को अग्निकांडों से होने वाले क्षति से राहत मिलनी की आस जगी थी, लेकिन चार साल से बन रहे फायर स्टेशन का काम अभी भी अधूरा है।
मिलने हैं ये संसाधन :
-फायर स्टेशन बनने के बाद स्थानीय स्तर पर दो बड़ी व दो छोटी दमकल की गाड़ियों के साथ 22 अधिकारी, कर्मचारी भी तैनात होने हैं। जो चार अलग-अलग स्थानों पर अग्निशमन के कार्य को संपन्न करेंगे। फायर स्टेशन पर एक सेकंड अफसर, दो हवलदार, 16 आरक्षी व तीन चालकों के पद सृजित हैं। कार्यदायी संस्था का कहना है कि फायर स्टेशन के निर्माण में धन की कमी रोड़ा बनी हुई है। जिसके लिए डीएम व एसपी के माध्यम से शासन को अवगत कराया गया है।
जिम्मेदार के बोल :
-सीओ मनोज यादव का कहना है कि क्षेत्र में फिलहाल अग्निकांड की घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के उद्देश्य से एक गाड़ी मंगा ली गई है। इस पर छह कर्मचारी तैनात हैं। फायर स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।