समर्थन की चाह, पार्टी पदाधिकारियों में वर्चस्व की लड़ाई
खेमे में भी रार अब तक बदले गए दो उम्मीदवार
बलरामपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत के लिए दावेदार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें आम मतदाताओं से रूबरू होने के पहले ही अपनों से जूझना पड़ रहा है। कल तक जिस पदाधिकारी के साथ मिलकर विभिन्न मंचों पर एक ही पार्टी व नेता के जयकारे लगा रहे थे, आज वही उनकी राह में कांटे बिछा रहे हैं। इधर पार्टी से समर्थन का पत्र लेकर उम्मीदवार क्षेत्र में पहुंच रहे हैं तब तक पार्टी से दूसरी सूची जारी हो जा रही है।
राजनीतिक दलों में समर्थन को लेकर द्वंद्व कोई नया नहीं है। कारण, हर उम्मीदवार को संगठन की छांव में विजयश्री का रास्ता आसान दिख रहा है, लेकिन यहां तो विपक्षी दल में भी खींचतान मची है। हालत यह है कि एक ही सीट पर पार्टी के कई कद्दावर नेता परिवार के सदस्य या समर्थक उतार दिए हैं। वही अब पार्टी का समर्थन दिलाने के लिए वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इससे पार्टी कई खेमे में बंटती नजर आ रही है।
दो उम्मीदवारों से छिना समर्थन :
समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत क्षेत्र त्रिकोलिया के उम्मीदवार को दिया समर्थन वापस ले लिया है। इनकी जगह नए दावेदार को समर्थन दिया है। चुनाव के पहले ही समर्थन वापस लेने के झटके के बाद उम्मीदवार अपने राजनीतिक आका का साथ लेकर चुनावी मैदान में डटे हैं। इसी तरह अन्य कई क्षेत्रों में भी पदाधिकारी अपने-अपने सूरमा उतारकर चुनाव की जंग फतेह करना चाह रहे हैं। खेमेबंदी से नाराज एक पदाधिकारी तो यहां तक कहते हैं कि चुनाव तक कुछ भी नहीं निश्चित है जो जीतेगा, वही हमारा सिद्धांत पर पार्टी हर किसी के साथ है। जीता हुआ सिकंदर ही पार्टी का असली सिपहसालार है। दूसरी तरफ सपा जिलाध्यक्ष रामनिवास मौर्या का नए प्रत्याशी को समर्थन देने वाला लेटरपैड इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
दस दिन में छीन लिया समर्थन :
सपा की पहली सूची में जिला पंचायत क्षेत्र त्रिकौलिया से रवींद्र प्रताप सिंह उर्फ टोप सिंह को समर्थन दिया था। मंगलवार को इसी क्षेत्र से पूर्व वन निगम चेयरमैन सलिल सिंह टीटू की पत्नी अनुराधा सिंह को पार्टी का समर्थन देने का पत्र जिलाध्यक्ष ने जारी कर दिया। दस दिन में ही उम्मीदवार बदलने से पदाधिकारियों में खलबली है। हालांकि रवींद्र प्रताप सिंह पूर्व मंत्री डा. एसपी यादव के साथ क्षेत्र में डटे हैं।