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40 किसानों का 68 लाख दबाकर यूपीएसएस ने किया खरीद बंद

क्रय केंद्रों पर दौड़ लगाने के बाद भी किसानों से धान नहीं खरीदा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 11:50 PM (IST)
40 किसानों का 68 लाख दबाकर यूपीएसएस ने किया खरीद बंद
40 किसानों का 68 लाख दबाकर यूपीएसएस ने किया खरीद बंद

त्रिपुरारी शंकर तिवारी, गौरा चौराहा (बलरामपुर)

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क्रय केंद्रों पर दौड़ लगाने के बाद भी किसानों से धान नहीं खरीदा जा रहा है। यूपीएसएस ने 40 किसानों का 68 लाख रुपये दबाकर खरीद से हाथ खड़े कर दिए। तीन दिनों से उसके छह क्रय केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। किसान अपनी फसल बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचने को विवश हैं।

जिले में 28 फरवरी तक धान खरीद होनी है। धान खरीद के लिए खाद्य विभाग के छह, पीसीएफ के 11 व यूपीएसएस के छह केंद्र संचालित किए गए थे। 10,700 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इस बार जिले में 40 प्रतिशत धान की उपज अधिक हुई है। धान बेचने के लिए दो हजार किसानों ने पंजीकरण कराया था। नवंबर से अब तक 1367 किसानों से धान खरीद किए जाने का दावा किया जा रहा है। 630 किसान धान बेचने के लिए क्रय केंद्रों की दौड़ लगा रहे हैं। इन्हें क्रय केंद्रों से टरकाया जा रहा है।

बंद हुई खरीद : यूपीएसएस के छह क्रय केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। 40 किसानों का 68 लाख रुपये का भुगतान उसे करना है। यूपीएसएस के जिला प्रभारी रामनरेश यादव का कहना है कि चार हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य था। तीन हजार मीट्रिक टन धान की खरीद वह कर चुके हैं। 26 लाख रुपये उनके खाते में डंप हैं। साइट न खुलने से भुगतान में दिक्कत हो रही है। पैसे के अभाव में खरीद बंद कर दी गई है।

इन केंद्रों से निराश लौट रहे किसान : गौरा चौराहा, कटरा शंकर नगर, बसंतपुर, ललिया साधन सहकारी समिति, जमुनी खुर्द किसान सेवा सहकारी समिति, समगढ़ा लैंप बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति पर खरीद बंद है। जिससे किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है।

जिम्मेदार के बोल : जिला खाद्य विपणन अधिकारी नरेंद्र तिवारी का कहना है कि यूपीएसएस ने खाद्य आयुक्त के निर्देश का हवाला देते हुए खरीद बंद कर दी गई है। धान का भंडारण करने में असुविधा हो रही है। खुटेहना व सिरसिया गोदाम धान से डंप हैं। क्रय केंद्रों से किसानों को वापस नहीं भेजा जा रहा है। जिनका पंजीकरण हो चुका है। उन किसानों से धान की खरीद की जाएगी।


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