कोर्ट का आदेश बेअसर, तालाबों से नहीं हट रहा अतिक्रमण
न्यायालय के आदेश के बावजूद अतिक्रमणकारियों के चंगुल
बलरामपुर : न्यायालय के आदेश के बावजूद अतिक्रमणकारियों के चंगुल से तालाबों को बचाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है जिससे तालाबों पर कब्जा करने की होड़ लगी हुई है। शहर में बेसहारा पशुओं के सामने पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गई है। घरों से निकलने वाला पानी मुख्य मार्गों पर भरा रहता है। जिससे लोगों को आवागमन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिम्मेदार अफसरों को धरातल पर उतरने की फुर्सत नहीं है। अतिक्रमण की होड़ में सिकुड़ गए तालाब :
जिले में 300 से अधिक तालाब हैं। जहां बेसहारा पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाते थे। धीरे-धीरे अतिक्रमण की होड़ में तालाबों का स्वरूप सिकुड़ने लगा। तालाब की जमीन पर कब्जा कर लोगों ने भवन व दुकानें बनवा ली। जो तालाब बच भी गए थे, उसे लोग पाटने पर तुले हैं। नगर क्षेत्र में मकानों से निकलने वाला पानी इन्हीं तालाबों में जाता था। जिससे जलभराव की स्थिति नहीं होती थी। अब बारिश के दौरान जलभराव से लोगों को जूझना पड़ता है। तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाने की अधिकारियों ने कार्ययोजना तो बनाई, लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहना सके। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों को तालाब से अतिक्रमण हटवाने का आदेश दिया है। बावजूद इसके अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बेअसर रहा कोर्ट का आदेश :
उतरौला नगर क्षेत्र के गांधीनगर में न्यायालय के आदेश पर भी अतिक्रमण नहीं हट सका। महदेइया के बनगवां में तालाब की जमीन पर अतिक्रमण हटाने का आदेश साल भर पहले दिया था। तहसीलदार ने अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ 6600 रुपये जुर्माना कर न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर दिया। सुभाषनगर स्थित सार्वजनिक हाटन ताल दिनों दिन अतिक्रमण से पटता जा रहा है।
वर्जन
जिले भर के तालाबों के बारे में जानकारी मांगी गई है। तालाबों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।
अरुण कुमार शुक्ल, अपर जिलाधिकारी