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शिक्षा की खुली दुकान, साहब को नहीं ध्यान

संवादसूत्र बलरामपुर नवीन शिक्षा सत्र शुरू होते ही जिले में बिना मान्यता के विद्यालय खुल गए हैं। पिछले वर्ष जांच में फर्जी मिले स्कूलों में ताले लगवाने के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने मुड़कर देखना मुनासिब नहीं समझा। नए सत्र में अधिकांश स्कूल नाम बदल कर अभिभावक व अधिकारियों की आंख में धूल झोंक रहे हैं। नए सत्र के दस दिन बीतने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने स्कूलों के मान्यता व मानकों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। जिससे नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। सूत्र की मानें तो विभागीय अधिकारियों के रहमोकरम पर शिक्षा की दुकानें फल-फूल रहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 06:24 AM (IST)
शिक्षा की खुली दुकान, साहब को नहीं ध्यान
शिक्षा की खुली दुकान, साहब को नहीं ध्यान

बलरामपुर : नवीन शिक्षा सत्र शुरू होते ही जिले में बिना मान्यता के विद्यालय खुल गए हैं। पिछले वर्ष जांच में फर्जी मिले स्कूलों में ताले लगवाने के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने मुड़कर देखना मुनासिब नहीं समझा। नए सत्र में अधिकांश स्कूल नाम बदल कर अभिभावक व अधिकारियों की आंख में धूल झोंक रहे हैं। नए सत्र के दस दिन बीतने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने स्कूलों के मान्यता व मानकों की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। जिससे नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। सूत्र की मानें तो विभागीय अधिकारियों के रहमोकरम पर शिक्षा की दुकानें फल-फूल रहीं हैं। ²श्य एक : जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर जोरावरपुर में स्वर्गीय रामसूर्य राव विद्या मंदिर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। यहां करीब 100 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। सूत्र के मुताबिक पहले इस विद्यालय का नाम सूर्यभवन राव स्कूल था। जिसे बिना मान्यता संचालित मिलने पर बीएसए ने बंद कराने का निर्देश दिया था। स्कूल का नाम बदल दिया गया। प्रधानाचार्य केके तिवारी ने बताया कि विद्यालय पांचवीं तक मान्यता प्राप्त है। स्कूल का नाम नहीं बदला गया है। ²श्य दो : शिक्षा क्षेत्र रेहराबाजार के चोरघटा घाट स्थित पुष्पा देवी शिक्षण संस्थान को बंद कराने का निर्देश 25 जुलाई को तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी ओपी कुशवाहा ने दिया था। बावजूद इसके नए सत्र में विद्यालय का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। विद्यालय में प्रबंधक व प्रधानाचार्य मौजूद नहीं मिले। कार्रवाई का नहीं असर :

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-बीते शैक्षिक सत्र में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने 30 फर्जी स्कूलों पर ताले लगवाए थे। जबकि इसके पूर्व तत्कालीन बीएसए रमेश यादव ने बिना मान्यता चल रहे 129 स्कूलों को 15 मई 2018 तक बंद करवाने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके अधिकांश संचालक बेखौफ होकर शिक्षा की दुकान चला रहे हैं।

जिम्मेदार के बोल :

-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। बिना मान्यता स्कूल संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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