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विद्यालय की नहीं छूटी काया, छत गिरने का भी है डर

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By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 06:06 AM (IST)
विद्यालय की नहीं छूटी काया, छत गिरने का भी है डर
विद्यालय की नहीं छूटी काया, छत गिरने का भी है डर

बलरामपुर : थारू जनजाति बाहुल्य नेवलगढ़ गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय की मरम्मत न होने का दंश छात्रों को झेलना पड़ रहा है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थारूओं के उत्थान के लिए प्रयासरत है, लेकिन उनकी मंशा पर अधिकारी पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं। तीन हजार आबादी के लिए बने स्कूल के सभी कमरों के छत टपक रहे हैं। फर्श टूटी है। फर्नीचर नहीं है। 65 छात्रों को टूटे फर्श पर बैठकर पढ़ने की विवशता है। छतों में दरार होने से अनहोनी की आशंका बनी रहती है। सितंबर 2018 में करीब 50 हजार लगाकर इसका रिपेयर कराया गया था, लेकिन एक साल में जर्जर हो गया।

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समस्याओं का अंबार : विद्यालय में बना शौचालय बदहाल है। जिसकी सीट टूटी है। दरवाजे टूटे हैं। विद्यालय में करीब 35 छात्राएं अध्ययनरत हैं। जिन्हें शौच जाने के लिए काफी समस्या होती है। वह बगल के खेतों में शौच के लिए जाती हैं। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है। विद्यालय में लगा हैंडपंप भी खराब है। जिससे पेयजल के लिए भी समस्या होती है।

कई बार लिखा पत्र : प्रधानाध्यापक भूपेंद्र मिश्र ने बताया कि विद्यालय के मरम्मत के लिए उच्चाधिकारियों व ग्राम प्रधान से कई बार कहा गया, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

जिम्मेदार के बोल : एसडीएम विनोद सिंह कहते हैं कि जांच की जाएगी। कायाकल्प योजना के तहत स्कूल की मरम्मत क्यों नहीं कराई गई।


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