ऐसे तो पूरा होने से रहा ओडीएफ गांव का सपना
तुलसीपुर (बलरामपुर) : गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए भले ही सरकार ने निर्देशों
तुलसीपुर (बलरामपुर) : गांवों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए भले ही सरकार ने निर्देशों की झड़ी लगा रखी हो, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से उसकी मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। आलम यह है कि कहीं शौचालयों का निर्माण अधूरा है, तो कहीं मानकविहीन निर्माण के चलते शौचालय बनते ही ढह रहे हैं। ऐसे में दो अक्टूबर तक जिले के सभी गांवों को ओडीएफ घोषित करने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। जिम्मेदार धरातल पर उतरने के बजाय कागजी घोड़े दौड़ाकर कोरम पूरा करने में जुटे हैं।
दृश्य एक : विकास खंड गैंसड़ी के दुल्हनडीह गांव में नवनिर्मित शौचालय पहली बरसात भी नहीं झेल सका। घटिया निर्माण के चलते शौचालय दस दिन में ही बारिश से ढह गया। ग्रामीण रामनिवास का कहना है कि शौचालय के निर्माण में अनियमितता बरती गई है। निर्माण के समय ही इसका विरोध किया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शौचालय ढहने की शिकायत जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश से की गई है।
दृश्य दो : ब्लॉक गैंसड़ी के ग्राम बिलोहा बनकसिया में पिछले चार माह से शौचालय अधूरा है। शौचालय की दीवार भी अब तक पूरी नहीं हो सकी है। वहीं किसी शौचालय में दरवाजा तक नहीं लगाया गया है। ग्रामीण संतोष जायसवाल ने बताया कि खुले में शौच से मुक्त करने में लगाए गए अधिकारी व कर्मचारी केवल खानापूर्ति करने में जुटे हैं। अधिकारियों के ध्यान न देने से शौचालय निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है।
दृश्य तीन : विकास खंड तुलसीपुर के ग्राम सिकटिहवा में लक्ष्य पूरा करने के लिए आनन-फानन में शौचालय तो बनवा दिए गए, लेकिन किसी भी शौचालय के लिए गड्ढा नहीं बनाया गया है। रामकुमार, सतीश, मनोज का कहना है कि बिना गड्ढे के शौचालय का उपयोग कैसे किया जाए। गड्ढा न होने पर मल का निस्तारण कैसे होगा, यह एक बड़ी समस्या है।
जिम्मेदार के बोल : एसडीएम विशाल यादव का कहना है कि गांवों में बन रहे शौचालयों के गुणवत्ता की जांच कराई जागी। दो अक्टूबर तक गांवों में शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा करने के लिए संबंधित को निर्देश दिए गए हैं। घटिया निर्माण कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।