अनियोजित कहानी, कहां जाए पानी
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि नियमों को दरकिनार कर आवासीय कॉलोनी विकसित करने की शिकायतें पूर्व में मिली हैं। जिसके स्थलीय सत्यापन के लिए चार
बलरामपुर : नगर क्षेत्र में अनियोजित तरीके से आवासीय प्ला¨टग कर कॉलोनी विकसित की जा रही है। जिससे जलनिकासी की समस्या उत्पन्न हो रही है। प्लॉटों की बिक्री करने वाले विनियमित क्षेत्र से बिना नक्शा पास कराए ही कॉलोनी बसा रहे हैं। जबकि नियम है कि विनियमित क्षेत्र कार्यालय से भू-स्वामी अपना ले-आउट प्रस्तुत कर स्वीकृत करा लें। जिसमें जलनिकासी के लिए नाली, पक्की सड़क, पार्क व विद्युत पोल की सुविधा हो। जिससे भविष्य में लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। यहां इसका उल्टा हो रहा है। 500 से 2000 रुपये वर्ग फीट की दर से बिक्री के बोर्ड कई स्थानों पर लगे हैं। आवासीय कॉलोनी के नाम पर बिक रहे प्लॉटों तक पहुंच मार्ग भी नहीं है। ले-आउट में नाली का निर्माण भी नहीं किया जाता है। हाईवे के किनारे भी मानक की अनदेखी की जा रही है। बंद हो जाएगा बाढ़ के बहाव का रास्ता
-बलरामपुर-तुलसीपुर एनएच 730 के दोनों किनारे मिट्टी की पटाई कर उसे सड़क से ऊंचा किया जा रहा है। जिस स्थान पर मिट्टी की पटाई की जा रही है। वहां बाढ़ के दिनों में जलभराव रहता है। बाढ़ के पानी के बहाव का रास्ता भी है। बावजूद इसके नियमों को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही गोंडा, बहराइच व उतरौला मार्ग पर भी आवासीय कॉलोनी विकसित की जा रही है। जो मानक के अनुरूप नहीं है। जिम्मेदार के बोल
- जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि नियमों को दरकिनार कर आवासीय कॉलोनी विकसित करने की शिकायतें पूर्व में मिली हैं। जिसके स्थलीय सत्यापन के लिए चार सदस्यीय टीम गठित है। तुलसीपुर मार्ग पर मिट्टी पटाई का कार्य रोक दिया गया है। क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग के बगल की जमीन पर बिना नक्शा, वन विभाग व पीडब्लूडी से अनापत्ति प्रमाणपत्र लिए ही कार्य किया जा रहा था। कॉलोनी विकसित करने वालों को ले-आउट की स्वीकृति कराने की हिदायत दी गई है।