आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषण की दरकार
ीचित्र परिचय : संवादसूत्र, श्रीदत्तगंज (बलरामपुर) : क्षेत्र में माथे पर कुपोषण का कलंक लगने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों की क्षेत्र के जिगना गांव में एक दशक से आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली का शिकार है। पड़री रामनाथ गांव में बना आंगनबाड़ी केंद्र बिना रखरखाव के अभाव में जर्जर हो गया। भवन का शौचालय झाड़ियों में छिपा है। दरवाजा टूट चुका है।
बलरामपुर : कुपोषण का कलंक लगने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली सुधरने का नाम नहीं ले रही है। नौनिहालों को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराकर कुपोषण दूर करने का जिम्मा संभाल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को स्वयं पोषण की दरकार है। बावजूद इसके अफसर धरातल पर उतरने के बजाय कागजों में कुपोषण दूरने का दावा कर रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्र प्राथमिक विद्यालयों में संचालित हो रहे हैं। क्षेत्र के जिगना गांव में एक दशक से आंगनबाड़ी केंद्र बदहाली का शिकार है। पड़री रामनाथ गांव में बना आंगनबाड़ी केंद्र बिना रखरखाव के अभाव में जर्जर हो गया। भवन का शौचालय झाड़ियों में छिपा है। दरवाजा टूट चुका है। आंगनबाड़ी केंद्र धमौली में बने केंद्र की खिड़कियां व दरवाजे टूट चुके हैं। सदर ब्लॉक के नरायनपुर व लुचुईया गांव में आधा अधूरा केंद्र बना है। जिससे कुपोषण को दूर करने का प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत करवाने व उनके निर्माण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।