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अफसरों की बेरुखी से दम तोड़ रहा कोर्ट का फरमान

प्रतिबंध के आदेश का अनुपालन कराने में जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 09:59 PM (IST)
अफसरों की बेरुखी से दम तोड़ रहा कोर्ट का फरमान
अफसरों की बेरुखी से दम तोड़ रहा कोर्ट का फरमान

अफसरों की बेरुखी से दम तोड़ रहा कोर्ट का फरमान

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संवादसूत्र, बलरामपुर : सुप्रीम कोर्ट के पालीथिन पर प्रतिबंध के आदेश का अनुपालन कराने में जिला प्रशासन दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। प्रचार-प्रसार व छापेमारी का दावा सिर्फ बयानबाजी तक सीमित है। प्रशासन की उदासीनता का लाभ पालीथिन व्यापारी उठा रहे हैं। सिंगल यूज्ड प्लास्टिक की खेप आज भी नेपाल व कानपुर से सामान्य दिनों की तरह आ रही है। बाजारों में भी पालीथिन, थर्माकोल का उपयोग धड़ल्ले से जारी है। लोग पालीथिन बैग में ही सब्जी, फल व अन्य वस्तुएं लेकर निकल रहे हैं। इसी कारण पालीथिन से नगर के छोटे-बड़े नाले-नालियां चोक हैं। जलनिकासी बाधित होने से जरा सी बारिश होते ही नगर के कई मुहल्ले जलमग्न हो जाते हैं। -पालीथिन व प्लास्टिक निर्मित सामग्री के बढ़ते उपयोग के कारण नगर पालिका प्रशासन को नाले-नालियों की सफाई कराने में पसीने छूट रहे हैं। कई स्थानों पर प्रतिबंध के बावजूद एकत्र कूड़े को जला दिया जाता है। जलते पालीथिन से निकलने वाली कार्बन डाइ आक्साइड व कार्बन मोनो आक्साइड जैसी विषैली गैसें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं। बयानबाजी तक सीमित रहा दावा : सराकार के निर्देशानुसार एक जुलाई से पालीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। नगर पालिका प्रशासन ने अब तक होर्डिंग, बैनर, वाल पेंटिंग व रैली के माध्यम से जागरुकता अभियान नहीं चलाया। एक जुलाई को बाजारों में छापेमारी कर जुर्माना की चेतावनी दी गई थी। दो माह बीतने को हैं, लेकिन पुन: अभियान नहीं चला। सब कुछ जस का तस चल रहा है। इसी कारण व्यापारी भी बेखौफ होकर पालीथिन बैग में सामान बेच रहे हैं। नगर के वीर विनय चौराहा, मुख्य बाजार, पहलवारा, चौक, मेजर चौराहा, भगवतीगंज समेत अन्य स्थानों पर पालीथिन का उपयोग व्यापारी कर रहे हैं। कूड़ादान में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन : केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की नियमावली के तहत नगर निकायों को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के निर्देश दिए गए हैं। नपाप करीब दो साल से राष्ट्रीय राजमार्ग तुलसीपुर स्थित चुंगी नाका के पास 33 लाख की लागत से मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) प्लांट लगा रहा है। इस प्लांट से प्लास्टिक कचरे के रिसाइकिलिंग की योजना है। नपाप की सुस्ती से चहारदीवारी खड़ी करने के बाद कार्य बंद है। अब तक मशीनें नहीं लग सकी है। जल्द चलाया जाएगा अभियान : ईओ डा. देवेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि जल्द ही निविदा कराकर मशीनें लगवाई जाएंगी। प्लांट तैयार होने पर प्लास्टिक कचरे की रिसाइकिलिंग होगी। साथ ही अभियान चलाकर पालीथिन व प्लास्टिक सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ जुर्माना किया जाएगा।


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