Police Constable Suicide In UP: बलरामपुर में एसपी आवास पर तैनात सिपाही ने गोली मारकर की आत्महत्या
Police Constable Suicide In UP यूपी के बलरामपुर जिले में एसपी आवास पर तैनात लखनऊ निवासी एक सिपाही ने सोमवार देर रात गोली मारकर खुदकुशी कर ली। देर रात जब दूसरा सिपाही पहुंचा तब घटना की जानकारी हुई।
बलरामपुर, जेएनएन। Police Constable Suicide In UP बलरामपुर में पुलिस अधीक्षक आवास पर तैनात लखनऊ निवासी एक सिपाही ने सोमवार रात को कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। देर रात दूसरे सिपाही के मौके पर पहुंचने के बाद घटना की जानकारी हुई। जिसके बाद आननफानन अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। सिपाही के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं स्वजनों को भी घटना की जानकारी दी गई है। बेटे की मौत की खबर मिलते ही पूरे घर में कोहराम मच गया।
पुलिस अधीक्षक आवास पर ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अभिषेक यादव ने सोमवार की रात गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक कांस्टेबल की नियुक्ति 2020 बैच में हुई थी। वह बेलहा गांव विनय खंड-पांच गोमतीनगर लखनऊ का रहने वाला था। आरक्षी की आत्महत्या से पुलिस विभाग में अफरा-तफरी मच गई। मृतक के बड़े भाई विनय यादव व पिता मुनेवर यादव समेत अन्य स्वजन मंगलवार सुबह ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए।
माइग्रेन की बीमारी से परेशान था सिपाही
- पुलिस विभाग के अधिकारियों व स्वजन के मुताबिक मृतक आरक्षी को माइग्रेन की बीमारी थी, जिसका इलाज चल रहा था। पुलिस अन्य बिंदुओं पर पड़ताल में जुटी है।
- पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि अभिषेक की रात में 12 से तीन बजे तक आवास पर ड्यूटी थी।
- तीन बजे की शिफ्ट के लिए दूसरा सिपाही ड्यूटी बदलने पहुंचा, तो खून से लथपथ अभिषेक को मृत पड़ा देखा।
- घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने देखा कि ड्यूटी के लिए दी गई एसएलआर बंदूक उसके पैरों के बीच में थी।
- गोली उसके बायें कनपटी से घुसकर दाहिनी तरफ से निकलते हुए छत में जा धंसी थी। जांच में माइग्रेन के इलाज से संबंधित कागजात पाए गए।
- एसपी का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है। अन्य बिंदुओं की छानबीन की जा रही है।
2020 बैच में हुई थी नियुक्ति
मृतक के बड़े भाई विनय यादव ने बताया कि वह लखनऊ लोक निर्माण विभाग में सहायक पद पर कार्यरत हैं। तीन भाइयों में 21 वर्षीय अभिषेक सबसे छोटा था। 2020 में बलरामपुर में नियुक्ति के बाद पहली तैनाती ललिया थाना में हुई थी। बताया कि अभिषेक को माइग्रेन की समस्या थी, जिसकी वजह से वह परेशान रहता था। चार फरवरी को वह छुट्टी पर घर आने वाला था। अगर घर आ जाता तो, थोड़ा माहौल बदलने से उसे राहत मिलती थी। अगर मालूम होता कि यह दिन देखना पड़ेगा, तो उसे नौकरी ही न करने देते।