असुविधाओं से जूझ रहा बाल श्रमिक विद्यालय
बलरामपुर : बाल श्रमिकों, श्रमिक परिवारों के बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ हस्तशिल्प क
बलरामपुर : बाल श्रमिकों, श्रमिक परिवारों के बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ हस्तशिल्प की जानकारी देने वाला विशेष श्रमिक विद्यालय अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है। 50 पंजीकृत छात्रों के शिक्षण के लिए एक केंद्र प्रभारी, एक अनुदेशक हैं, लेकिन क्राफ्ट टीचर नहीं हैं। एमडीएम का कन्वर्जन कास्ट उपलब्ध न होने के कारण आज तक मध्याह्न भोजन नहीं बना है। दु:खहरण नाथ मंदिर के बगल दो कमरे में चल रहे श्रमिक विद्यालय में अभी तक बच्चों को स्कूली बैग, पुस्तकें व यूनीफार्म का वितरण नहीं किया जा सका है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए दो अध्यापक हैं। एक लेखाकार, अनुचर व कुक की भी तैनाती है। मध्यावकाश में बच्चों को घर भेज दिया जाता है। मजदूर परिवार के बच्चे घर जाने के बाद अपवाद स्वरूप ही लौट कर पढ़ने आते हैं। बुधवार को केंद्र प्रभारी पंकज ¨सह, अनुदेशक बेचन प्रसाद, रसोइया मौजूद मिला। लेखाकार मुनेश्वर प्रसाद, अनुचर लालू प्रसाद नहीं मिले। इस विद्यालय में पंजीकृत बच्चों को श्रम एवं सेवायोजन विभाग प्रतिमाह चार सौ रुपये की दर से वर्ष में एक बार छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है। एमडीएम, किताबें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है। जबकि अन्य व्यवस्थाएं बाल श्रम परियोजना विभाग करता है। केंद्र प्रभारी का कहना है कि बैग व किताबें अभी उपलब्ध नहीं सकी है। कन्वर्जन कास्ट की मांग बराबर की जा रही है। उपलब्ध संसाधनों के सहारे बच्चों को किताबी ज्ञान दिया जा रहा है।