क्रेशर संचालकों के हाथ गन्ना बेच रहे किसान
बलरामपुर : चीनी मिलों के संचालन में देरी होने से गन्ना किसान अपनी उपज को औने-पौने मूल्य पर
बलरामपुर : चीनी मिलों के संचालन में देरी होने से गन्ना किसान अपनी उपज को औने-पौने मूल्य पर क्रेशर संचालकों के हाथ गन्ना बेचने को मजबूर हैं। तराई क्षेत्र में गन्ने की खेती बहुतायत में नकदी फसल के रुप में होती है। माह नवंबर का प्रथम पखवाड़ा बीत रहा है। बावजूद इसके चीनी मिलों का संचालन जनपद में नहीं हो सका है। किसान के गन्ने की पेड़ी फसल पक कर तैयार हो गई है। खेतों को खाली कर रबी फसल में लाही, मसूर, सरसों, मटर, आलू, गोभी की खेती करने की ¨चता सताने लगी है। किसान ओमप्रकाश, बड़कऊ, छोटे, सीताराम, रामचंद्र ने बताया कि रबी फसलों की बोआई का पीक समय चल रहा है। गन्ने की फसल की कटाई करके खेत में अन्य फसलों की खेती करना है। जनपद में चीनी मिलों का संचालन अब तक नहीं हो सका है। गन्ने की फसल को डेढ़ सौ से दो सौ रुपये के भाव क्रेशर संचालकों के हाथ बेचा जा रहा है। जिला गन्ना अधिकारी आरएस कुशवाहा का कहना है कि जनपद में तीन लाख से अधिक किसान गन्ने का उत्पादन कर रहे हैं। कहा कि 16 नवंबर से तुलसीपुर, 19 नवंबर बलरामपुर व 22 से 25 नवंबर के मध्य इटईमैदा व मनकापुर चीनी मिलों का संचालन होगा। किसानों को परेशानी होने की जरूरत नहीं है।