शासन का फरमान, भूल गए अफसर
उतरौला (बलरामपुर) : नगर में पशुवध शाला का लाइसेंस निर्गत न होने के बावजूद मवेशियों का व
उतरौला (बलरामपुर) : नगर में पशुवध शाला का लाइसेंस निर्गत न होने के बावजूद मवेशियों का वध बेखौफ चल रहा है। भोर तीन बजे से स्लाटर हाउस का संचालन शुरू हो जाता है। इसके बाद पूरे जिले में मांस की आपूर्ति कर दी जाती है। नगर के घनी बस्ती में चल रहे 15 से अधिक घरों में वधशाला संचालित हो रही है। जिसकी जानकारी अफसरों को भी है। बावजूद इसके वह चुप्पी साधे हुए हैं। भोर तीन बजे से ही टैक्सियों में भरकर मांस पचपेड़वा, तुलसीपुर, बलरामपुर, गैंसड़ी, मनकापुर, महुआ बाजार भेज दिया जाता है। मई में 18 लाइसेंस नगर पालिका के ईओ ने निरस्त कर दिए थे। इसके बाद भी नगर मे बीचोबीच घनी आबादी वाले मुहल्लों में बिना लाइसेंस स्लॉटर हाउस संचालित हो रहे हैं। प्रतिदिन 50 से अधिक पशु वध के बाद उनके अपशिष्ट और मलबा निस्तारित भी नहीं किया जाता है। पशु अवशेषों को यहां-वहां ले जाकर फेंक देते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों को हवा में उड़ाते हुए स्थानीय प्रशासन अवैध स्लॉटर हाउस बंद कराने के बजाय लीपापोती कर इन्हें संरक्षण देने में जुटा हुआ है। ¨हदू संगठनों ने कई बार डीएम व एसपी को प्रार्थना पत्र देकर स्लाटर हाउस बंद कराने की मांग की, लेकिन धंधा बदस्तूर जारी है। दुर्गंध और मलबे के कारण आसपास के लोगों को सांस लेना दुश्वार है। सीओ मनोज यादव का कहना है कि नगर में एक भी स्लॉटर हाउस का लाइसेंस निर्गत नहीं है। अगर कहीं भी बिना लाइसेंस स्लॉटर हाउस चल रहा है तो उसकी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।