बुद्धि की शुद्धता का उत्तम उपाय है भागवत कथा
बलरामपुर : नगर के तुलसीपार्क में चल रही श्रीमछ्वागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन गुरु मां भा
बलरामपुर : नगर के तुलसीपार्क में चल रही श्रीमछ्वागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन गुरु मां भावना रामानुजम ने प्रवचन के दौरान बुद्धि की शुद्धता पर प्रकाश डाला। कहाकि मनुष्य की बुद्धि को शुद्ध करने व मृत्यु के उपरांत सद्गति देने के लिए भागवत से उत्तम कोई वस्तु नहीं है। मनुष्य को अपना जीवन ऐसा बना लेना चाहिए कि कर्म, भक्ति, ज्ञान व धर्म की निष्ठा से अंत में भगवान की स्मृति बनी रहे। कहाकि परीक्षित ने कलियुग को रहने के लिए पांच स्थान दिए। इसमें झूठ, मद, काम, बैर व रजोगुण शामिल हैं। इसलिए मनुष्य को आत्मकल्याण के लिए इन पांच स्थानों का त्याग करना चाहिए। यदि व्यक्ति भगवान का श्रवण, कीर्तन व स्मरण करने लगे, तो उसके भीतर बंद आनंद खुल जाएगा। भागवत कथा के दौरान रासबिहारी शुक्ल, मंगलबाबू, संजय शर्मा, रघुनाथ प्रसाद शुक्ल, महेंद्र प्रताप त्रिपाठी व सुभाष पाहवा मौजूद रहे।