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एल-टू के साथ चार स्थान पर रहेगा एल-वन अस्पताल

बलरामपुर पीकू वार्ड के 10 समेत 30 बेड पर होगा इलाज एल-वन से रेफर होने पर ही लाएं जाएंगे एल-टू।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:16 PM (IST)
एल-टू के साथ चार स्थान पर रहेगा एल-वन अस्पताल
एल-टू के साथ चार स्थान पर रहेगा एल-वन अस्पताल

संवादसूत्र, बलरामपुर :

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कोरोना की दूसरी लहर में भीषण तबाही झेल चुका जिला तीसरी लहर में कोई चूक नहीं चाह रहा है। इसलिए इस बार कोरोना से बचाव के लिए पुख्ता इंतजाम है। एल-टू अस्पताल के साथ चार एल-वन अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें 10 बेड के पीकू वार्ड (बच्चों के लिए स्पेशल) समेत 30 बेड की सुविधा रहेगी। जो पहले अपने यहां संक्रमित का इलाज करेंगे। सुधार न होने पर ही एल-टू को भेजेंगे।

तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 बेड का पीकू वार्ड व 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। अधीक्षक डा. सुमंत सिंह चौहान ने बताया कि संक्रमित मरीजों के लिए बेड पर ही आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 10 लीटर वाले 23 आक्सीजन कंसंट्रेटर, पांच लीटर वाले 29 आक्सीजन कंसंट्रेटर है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध है। उतरौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीकू वार्ड में 10 समेत 30 बेड का इंतजाम किया गया है। अधीक्षक डा. चंद्र प्रकाश ने बताया कि संक्रमितों को सांस लेने में दिक्कत हुई तो 10 लीटर वाले 30 व पांच लीटर वाले 27 आक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग किया जाएगा। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र श्रीदत्तगंज व नंद नगर खजुरिया में भी पीकू वार्ड में 10-10 समेत 30-30 बेड की व्यवस्था की गई है। इन चारों अस्पतालों से रेफर हुए मरीजों के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में 200 बेड का एल-टू हास्पिटल है। यहां 110 बेड पर आक्सीजन सप्लाई की सुविधा है। यही नहीं जरूरत पड़ने पर सभी बेड़ों पर आक्सीजन सप्लाई कंसंट्रेटर के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा सकती है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि अब तक मिले सभी संक्रमित होम आइसोलेट हैं। किसी को भी अस्पताल लाने की जरूरत नहीं पड़ी है, लेकिन यदि किसी की हालत बिगड़ी तो उसे पहले एल-वन में भर्ती किया जाएगा। राहत न मिलने पर एल-टू हास्पिटल लाया जाएगा। पांचों अस्पतालों के लिए जरूरी दवाएं व चिकित्सीय सामग्री मुहैया करा दी गई हैं। संयुक्त निदेशक समेत अन्य उच्चाधिकारी नियमित समीक्षा कर रहे हैं।


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