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Balrampur News: एफडी बता कर बेच दी डेढ़ लाख की बीमा पालिसी, 15 दिन बाद मिला बांड तो खाताधारक का बढ़ा बीपी

इंडियन इलाहाबाद बैंक के शाखा प्रबंधक पर एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट) के स्थान पर डेढ़ लाख की बीमा पालिसी बेचने की बात करते हुए धनराशि वापस करने और बैंक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।

By Amit SrivastavaEdited By: Shivam YadavPublished: Tue, 29 Nov 2022 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 03:51 AM (IST)
Balrampur News: एफडी बता कर बेच दी डेढ़ लाख की बीमा पालिसी, 15 दिन बाद मिला बांड तो खाताधारक का बढ़ा बीपी
एफडी बता कर बेच दी डेढ़ लाख की बीमा पालिसी, 15 दिन बाद मिला बांड तो खाताधारक का बढ़ा बीपी

संवादसूत्र, श्रीदत्तगंज (बलरामपुर): इंडियन इलाहाबाद बैंक श्रीदत्तगंज शाखा प्रबंधक पर एक खाताधारक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। प्रबंधक पर एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट) के स्थान पर डेढ़ लाख की बीमा पालिसी बेचने की बात करते हुए धनराशि वापस करने और बैंक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।

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ब्लाक के दारी चौरा गांव निवासी खाताधारक धर्म प्रकाश ने बताया कि वह सात नवंबर को वह इंडियन बैंक की शाखा श्रीदत्तगंज एफडी कराने के लिए गया था। शाखा प्रबंधक प्रमोद कुमार से मुलाकात कर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एफडी हो जाएगी और एक फार्म पर हस्ताक्षर कराया, लेकिन उसकी कापी नहीं दी गई। बताया कि 15 दिन में घर पर पूरा डिटेल पहुंच जाएगा। प्रबंधक ने बताया कि एक लाख 50 हजार रुपये एक बार जमा कर दें। 14 वर्ष बाद 15 लाख रुपये मिलेगा। इसके बाद घर चले आए। 

मानसिक तनाव में आया खाताधारक

धर्म प्रकाश ने बताया कि 26 नवंबर को घर पर एक पालिसी बांड मिला। उसको पिताजी ने पढ़ा तो उनका बीपी बढ़ गया। उसमें सात साल तक एक लाख 50 हजार रुपये प्रति वर्ष देने की बात कही गई है। ऐसे में मजदूरी पेशा वाला व्यक्ति होने के कारण इतनी रकम प्रत्येक वर्ष जमा करने की बात को लेकर मानसिक तनाव में हैं। बताया कि डेढ़ लाख रुपये और किराया आदि पर व्यय 3000 रुपये 24 घंटे में बचत खाता में भेजने और पालिसी रद्द करने की मांग की है। 

शाखा प्रबंधक ने दी सफाई

शाखा प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि पालिसी बांड 15 दिन पर इसलिए आता है कि ग्राहक को यदि समझ में नहीं आया है तो वह निरस्त करा सकता है। यह सिंगल प्रीमियम पालिसी चाहते थे। ग्राहक को समझने में गलती हुई है। एसबीआइ की जो पालिसी दी है, वह भी सिंगल प्रीमियम है। पांच साल बाद भुगतान मिल सकता है। ग्राहक की मांग पर पालिसी निरस्त कर दी गई है।


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