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खूब चले जागरूकता अभियान, फिर भी खतरे में डाल रहे जान

सदर विधायक ने झंडी दिखाकर जागरूकता वाहन को किया रवाना फिर शुरू हुआ सड़क सुरक्षा सप्ताह

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 11:01 PM (IST)
खूब चले जागरूकता अभियान, फिर भी खतरे में डाल रहे जान
खूब चले जागरूकता अभियान, फिर भी खतरे में डाल रहे जान

बलरामपुर: बढ़ते सड़क हादसों को कम करने के लिए भले ही प्रशासन फिक्रमंद है लेकिन जल्दबाजी के चक्कर में खुद की जान जोखिम में डालने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाकर कोरम तो पूरा किया जाता है, लेकिन आमजन जागरूक नहीं हो रहे हैं। बढ़ती मार्ग दुर्घटनाएं, जिदगी गवाते लोगों का हश्र देखकर भी लोग सबक नहीं लेना चाह रहे हैं।

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वर्ष 2019 में 143 मार्ग दुर्घटनाओं में 97 लोगों को जान गंवानी पड़ी। 2020 में लाकडाउन के बाद भी दुर्घटनाएं कम नहीं हुईं। 125 सड़क हादसों में 90 लोगों की जान गंवानी पड़ी। 2021 में भी मार्ग दुर्घटनाओं के आंकड़े कम नहीं हुए। जून माह तक 78 हादसों में 56 लोगों की जान जा चुकी है। यह आलम तब है जब हर तीसरे माह यातायात व पुलिस मिलकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं लेकिन उसका असर नाममात्र भी नहीं दिख रहा है।

सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू, विधायक ने रवाना किया जागरूकता वाहन:

बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए गुरुवार से सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू किया गया। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में सदर विधायक पल्टूराम ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहन को रवाना किया। सदर विधायक ने कहा कि भागदौड़ भरी जिदगी में हर किसी को जल्दी रहती है, जो मार्ग दुर्घटनाओं का कारण बनती है। हमें चाहिए कि सड़क पर धैर्य बनाए रखें। एंबुलेंस समेत अन्य वाहनों को तुरंत रास्ता दें। रफ्तार नियंत्रित रखें।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद कुमार यादव ने बताया कि जागरूकता वाहन रवाना करने के बाद गोष्ठी हुई। इसमें सभी लोगों को यातायात नियमों का पालन करने व दूसरों को प्रेरित करने के लिए संकल्प दिलाया। पंफ्लेट वितरित किए गए। सहायक संभागीय निरीक्षक प्रदीप कुमार, वेद प्रकाश श्रीवास्तव, अनवर प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

आज से फिर चलेगी जागरूकता की मुहिम:

दूसरे दिन शुक्रवार को सभी बस, ट्रक, आटो व रिक्शा चालक यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनके माध्यम से चालकों को जागरूक किया जाएगा। तीसरे दिन प्रदूषण केंद्रों की जांच जाएगी। साथ ही अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की चेकिग होगी। पांचवें दिन सीट बेल्ट का प्रयोग करने व नशे में ड्राइविंग रोकने के लिए जांच अभियान चलाया जाएगा। छठवें दिन रोडवेज चालकों को को प्रशिक्षित किया जाएगा। अंतिम दिन छोटी मोटी लापरवाही से होने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी दी जाएगी।


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