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हेल्पलाइन से मिला कोरा आश्वासन, रिक्शे से गर्भवती लाए परिवारीजन

कर्मचारियों की हडताल से एंबुलेंस के थमे पहिये घायल व प्रसूताओं का दर्द देख तीमारदार परेशान

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 10:46 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:46 PM (IST)
हेल्पलाइन से मिला कोरा आश्वासन, रिक्शे से गर्भवती लाए परिवारीजन
हेल्पलाइन से मिला कोरा आश्वासन, रिक्शे से गर्भवती लाए परिवारीजन

बलरामपुर: अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार की रात से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। एंबुलेंस सेवाएं ठप होने से घायल व प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली। यही नहीं कई मरीजों व प्रसूताओं की हालत खतरे में पहुंचने लगी तो तीमारदारों ने किसी तरह से प्राइवेट वाहन बुक कराकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

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जिला महिला अस्पताल में एंबुलेंस न मिलने पर गौरा चौराहा निवासिनी गर्भवती कीर्ति सिंह को परिवारीजन निजी वाहन पर 1500 रुपये किराया देकर अस्पताल लाए। गैंसड़ी बाजार निवासिनी कैसर पत्नी कतीबउल्लाह को एंबुलेंस नहीं मिल पाई। अजबनगर बिनौहनी से आई शाहिदा के पति हलीम ने बताया कि वह 108 पर काल करते रहे, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर निजी वाहन ढूंढा। कन्यावती व दीपा के साथ भी यही समस्या रही। घर वालों ने रिक्शे पर लादकर किसी तरह से उसे सीएचसी गैंसड़ी पहुंचाया। साथ आई आशा कविता ने बताया कि कैसर शुक्रवार से परेशान थी। वह एंबुलेंस कर्मियों को फोन करती रही, लेकिन उसे बताया गया कि 102 के कर्मचारी अस्पताल पहुंचाएंगे।

ढालपुर बकौली के जितेंद्र कुमार पाल ने बताया कि उसकी भाभी लक्ष्मी का 15 दिन पहले प्रसव हुआ था। सोमवार को तबीयत खराब होने पर निजी वाहन से अस्पताल लाना पड़ा। उधर घायलों को काफी दिक्कत हुई। सादुल्लाहनगर के रामपुर ग्रंट चोरघटा घाट के मजरा गनेशडीह में मारपीट में घायल शिव कुमारी पत्नी राम तेज को काफी देर तक तड़पना पड़ा।

बड़ा परेड ग्राउंड पर खड़ी रहीं एंबुलेंस, नहीं बजा हूटर:

- आंदोलनरत एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार की सुबह ही बड़ा परेड ग्राउंड पर एंबुलेंस खड़ा कर दिया। जीवनदायिनी एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, सूरत पांडेय की अगुवाई में कर्मियों ने प्रदर्शन कर सेवा प्रदाता जीवीकेईएमआरआइ कंपनी के खिलाफ नारेबाजी कर ठेका प्रथा को बंद कराने व एनएचएम में शामिल करने की मांग की। एंबुलेंस खड़ी रहने से कहीं भी हूटर की आवाज नहीं सुनाई दी।


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